जयपुर में महिला एवं बाल विकास अधिकारी मोहनसिंह चारण ने सोमवार सवेरे जयपुर में ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। वे झुंझुनूं जिले के चारणाें की ढाणी तन परसरामपुरा (नवलगढ़) के रहने वाले थे। दोपहर बाद उनका शव गांव लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया। उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उन्होंने खुद को मानसिक अवसाद में बताया। करधनी थानाप्रभारी राजेश बाफना ने बताया कि मोहन सिंह चारण (53) गांधी नगर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात थे।
वे वैशाली नगर इलाके में नेमी सागर कॉलोनी में परिवार के साथ रहते थे। सुबह करीब साढे आठ बजे किसी ने सूचना दी कि कनकपुरा फाटक के पास ट्रैक पर शव पड़ा है। पुलिस को ट्रैक के पास ही एक कार खड़ी मिली। जेब में मिले ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर पहचान मोहनसिंह चारण के रूप में हुई।
मिलनसार थे: उनके गांव में जैसे ही यह दुखद खबर आई ताे हर काेई हैरान रह गया। ग्रामीणाें का कहना था कि माेहन सिंह मिलनसार थे। वे भले ही जयपुर में मकान बनाकर रहने लगे थे, लेकिन गांव वालाें व रिश्तेदाराें के संपर्क में रहते थे। पिता सेवानिवृत्त कंपाउडर रामसिंह, मां दरियाव कंवर समेत परिजनाें काे राे- राेकर बुरा हाल हाे गया। बेटी माेनिका की शादी हाे चुकी है। बेटा अश्विनी पढाई कर रहा है।
सुसाइड नोट छोड़ा, लिखा-मानसिक रूप से अवसाद में हूं
पुलिस पूछताछ में बेटे अश्विनी ने बताया कि पापा रोजाना सुबह कार लेकर मॉर्निंग वॉक पर जाया करते थे। आज भी वे घर से कार लेकर मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। मोहन सिंह चारण रोजाना खिरणी फाटक के आसपास तक मार्निंग वॉक करते थे। वे प्रमोटिव आरएएस थे। फिलहाल वे महिला एवं बाल विकास विभाग में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।