देशी अर्क व गोमुत्र से कर रहे खेती:खेत में फसल का उत्पादन बढ़ा, साथ में क्वालिटी भी अच्छी हुई; पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से हो चुके सम्मानित

जिले के गांव देलसर खुर्द का किसान धर्मवीर खींचड़ भले ही ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं हो, लेकिन उसने साबित कर दिया है कि नई सोच व मेहनत के साथ कार्य करने पर सफलता अवश्य ही मिलती है। प्रयोग के तौर पर अपने खेत में लगी फसलों में देशी अर्क (आक, धतूरा, नीम के पत्ते, अरनी, ढकणी खोखरु, जंगली तुलसी के मिश्रण का रस) व गोमुत्र का उपयोग उसके लिए वरदान साबित हुआ है। इसके उपयोग से उसके खेत में न सिर्फ फसल का उत्पादन बढ़ा है बल्कि अनाज, फल आदि की क्वालिटी भी उसको अच्छी मिल रही है। इस तरह का नया प्रयोग करने पर उसको आर्थिक रूप से भी फायदा मिल रहा है।

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देलसर के किसान धर्मवीर ने बताया कि वह पहले अपनी फसलों में कीटनाशकों, डीएपी आदि का उपयोग करता था। इसके बावजूद उसे उत्पादन कम ही मिलता था। इस पर उसने घर पर ही देशी अर्क तैयार करने की ठानी। उसने अपने घर पर करीब 13 हजार रुपए की राशि खर्च कर एक मशीन लगाई। इससे आक, धतूरा, नीम के पत्ते, अरनी, ढकणी खोखरु, जंगली तुलसी आदि का रस निकालकर इसको प्रयोग के रूप में चने की फसल में छिड़काव किया। यह प्रयोग उसके लिए सफल साबित हुआ। चने की फसल दोगुनी होने के साथ ही उसकी क्वालिटी भी अच्छी हुई। बाजार में भाव भी अच्छे मिले।

अर्क तीन दिन में होता है तैयार

किसान धर्मवीर ने बताया कि आक, धतूरा, नीम के पत्ते, अरनी, ढकणी खोखरु, जंगली तुलसी का अर्कतैयार होने में तीन दिन का समय लगता है। सभी का मशीन के माध्यम से अलग-अलग रस निकाला जाता है। इसके बाद उनको मिश्रित कर दिया जाता है। इस अर्क के फायदे जानकर झुंझुनूं, तोगड़ा, जेजूसर, डाबड़ी आदि जगहों से किसान उसके पास पहुंच रहे हैं। वह इस अर्क को किसानों को 80 रुपए प्रतिलीटर के हिसाब से बेच भी रहा है। अब तक वह करीब डेढ़ से दो क्विंटल अर्क बेच चुका है।

गोमुत्र से भी मिल रहा लाभ

किसान धर्मवीर गोमुत्र बेच कर भी मालामाल हो रहा है। उसने बताया कि उसके पास विभिन्न नस्लों की 35 गायें है। इनसे प्राप्त गोमुत्र को वह एक कुण्ड में इकठ्ठा करता है। इस गोमुत्र को वह अपने खेत में लगे फलदार पौधों व फसलों में पानी के साथ मिलाकर उपयोग करता है। इससे फसल की गुणवत्ता अच्छी मिल रही है। वहीं बचे हुए गोमुत्र को वह तीन रुपए प्रति लीटर के हिसाब से एक फाउंडेशन को बेच रहा है। इससे भी उसे हर वर्ष हजारों रुपए की आमदनी हो रही है। उसके खेत में लगे मौसमी के 300, अनार के 20, लेशवा के 30 पेड़ों में भी वह उपरोक्त अर्क व गोमुत्र का उपयोग कर रहा है।

हो चुके हैं सम्मानित

किसान धर्मवीर खींचड़ को सम्मानित भी किया जा चुका है। प्रगतिशील किसान के तौर पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा शेखावाटी उत्सव में राज्यपाल की ओर से उसको सम्मानित किया गया है।

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