जयपुर। राजस्थान में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार की ओर से अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ जिले वैक्सीन के उपयोग में लापरवाही बरत रहे हैं। प्रदेश में अब तक 7 फीसदी यानी करीब 11.5 लाख डोज खराबे की भेंट चढ़ चुकी हैं।
केंद्र ने अधिकतम खराबे की सीमा 10 फीसदी मानी है। कोविड-19 वैक्सीनेशन में वैक्सीन की डोज के उपयोग में चूरू जिले ने सर्वाधिक लापरवाही बरती। जिले में 39.7 प्रतिशत वैक्सीन खराबे की भेंट चढ़ गई। वहीं हनुमानगढ़ में 24.60 प्रतिशत वैक्सीन काम नहीं आई। जबकि जयपुर प्रथम में खराबे का प्रतिशत 4.67 और द्वितीय में 1.31 ही रहा है।
उपयोग के लिहाज से रेड जोन में चूरू के साथ 13 जिले शामिल हैं। जहां 6.31 से 39.37 प्रतिशत तक वैक्सीन खराब कर दी गई। इन जिलों में चूरू के अलावा हनुमानगढ़, भरतपुर, कोटा, चित्तौडग़ढ़, जालोर, सीकर, अलवर, धौलपुर, अजमेर, दौसा, सवाईमाधोपुर और झालावाड़ शामिल हैं।
चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक श्रीगंगानगर, उदयपुर, बांसवाड़ा, झुंझुनूं और जैसलमेर में खराबा नहीं हुआ, बल्कि उपयोग अधिक हुआ और वेस्टेज प्रतिशत माइनस में रहा। सबसे कम माइनस 10.24 प्रतिशत वेस्टेज जैसलमेर जिले में दिखाया गया है।
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