सीकर, चूरू, झुंझुनूं व नागौर के करीब 5 लाख लोग खाड़ी देश सऊदी अरब, दुबई, कुवैत, आेमान, कतर, बहरीन, इरान, लीबिया आदि में काम करते हैं। इनके अलावा हजारों स्टूडेंट्स मेडिकल सहित अन्य पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से करीब एक लाख कामगार संक्रमण की दूसरी लहर से पहले छुट्टी पर अपने घर लौटे थे। सैकड़ों लोगों का वीजा खत्म हो गया है तो कई का वीजा अभी खत्म होने वाला है। कई देश वैक्सीन डोज के सर्टिफिकेट के आधार पर वीजा की अवधि बढ़ा रहे हैं, ताकि फ्लाइट शुरू होने पर इन्हें एंट्री दी जा सके।
खाड़ी देशों में काम करने जाते हैं शेखावाटी के 4 लाख लोग, इन्हीं की बदौलत हर महीने आते हैं करीब 700 करोड़ रुपए, इसलिए सरकार ये परेशानी दूर करे
सीकर, चूरू व झुंझुनूं से करीब चार लाख लोग कामकाज के सिलसिले में खाड़ी देशों में रहते हैं। खाड़ी देशों से औसतन हर महीने करीब 700 करोड़ रुपए शेखावाटी में आते हैं।
वैक्सीन के इंतजार में खत्म हो रहा वीजा
- डेढ़ साल से नौकरी के लिए नहीं जा पाए विदेश : मो. आजम कुवैत में 18 साल से निजी कंपनी में मैकेनिक की नौकरी कर रहे हैं। फरवरी 2020 में सीकर आए थे। कोरोना के कारण नहीं लौट पाए। अगस्त 2021 तक वर्क परमिट मिला हुआ है। 18+ कैटेगरी में होने के कारण वैक्सीन स्लॉट बुक नहीं हो पाया। अब विदेश नहीं जा पा रहे।
- वैक्सीन नहीं लग पाने से रद्द हो गया वीजा : सीकर के वार्ड 5 निवासी हारुन कुवैत में 15 साल से मजदूरी कर रहे थे। दिसंबर 2019 में पिता के इंतकाल पर सीकर आए। फ्लाइट खुलने पर मार्च में कुवैत के लिए वाया दुबई रवाना हुए। आगे की फ्लाइट नहीं मिली। इसलिए वापस लौटना पड़ा। इसी दौरान 2 मई 2021 में वीजा खत्म हो गया।
- एक डोज भी नहीं लगी, 7 जुलाई को खत्म होगा वीजा : किरडोली के 29 वर्षीय आबिद अली सऊदी अरबिया में 6 साल से स्टोर में काम करते हैं। कोरोना की दूसरी लहर से पहले 13 मार्च को चार महीने की छुट्टी पर गांव आए थे। 7 जुलाई तक का वीजा है। अभी तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है। अब विदेश नहीं जा पाएंगे।
क्वारेंटाइन नियम से वैक्सीनेशन वालों की छूट : कई देशों में निगेटिव आरटी पीसीआर के अाधार पर भी एंट्री दी जा रही है। इनको 14 दिन होटल में क्वारेंटाइन किया जा रहा है। वैक्सीन लगवा चुके लोगों को इसमें छूट दे रहे हैं।
नॉलेज : अभी कोविशील्ड को ही मान्यता दे रखी है डब्ल्यूएचओ ने
केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार कोई विदेश यात्रा पर जा रहा है तो पहली खुराक के 28 दिन के बाद कभी भी कोविशील्ड की दूसरी डोज ली जा सकती है। इसमें कहा गया है कि विदेश यात्रा के लिए सिर्फ कोविशील्ड वालों को ही वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस सर्टिफिकेट पर पासपोर्ट नंबर का भी जिक्र होगा। भारत का दूसरा टीका कोवैक्सीन इसके लिए क्वालिफाई नहीं कर रही है।
- यह गाइडलाइन उनके लिए जारी की गई है जो 18 साल से ज्यादा उम्र के हैं और 31 अगस्त तक विदेश यात्रा पर जाना चाहते हैं। इसमें पढ़ाई या नौकरी के लिए विदेश जा रहे स्टूडेंट्स व लोग, टोक्यो ओलिंपिक गेम्स में शामिल खिलाड़ी और उनके साथ जाने वाला स्टाफ शामिल है।
- इसके लिए आपके सारे दस्तावेजों की जांच होगी। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा है, जो विदेश जाने वाले यात्रियों के दस्तावेजों की जांच करेगा।
- वैसे तो कोविशील्ड की दो डोज के बीच 12 से 16 हफ्ते के गैप का नियम है लेकिन इस कटैगरी में विदेश जाने वालों को 28 दिन में ही दूसरी डोज लग सकती है। जल्द ही इस कैटेगिरी में विदेश जाने वालों के लिए ये व्यवस्था कोविन प्लेटफॉर्म पर भी दिखाई देगी।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को कहा है कि सामाजिक न्याय मंत्रालय की यूडीआईडी कोविड टीकाकरण के लिए बतौर पहचान पत्र मानें।