आचार संहिता : किसी भी राज्य में चुनाव से पहले एक अधिसूचना जारी की जाती है। इसके बाद उस राज्य में ‘आदर्श आचार संहिता’ लागू हो जाती है और नतीजे आने तक जारी रहती है। मज़े की बात यह है कि आम मतदाता तो यह जानता तक नहीं कि आखिर ‘आदर्श आचार संहिता’ किस बला का नाम है।
ऐसे में बहुत से सवाल मुँह उठाकर खड़े हो जाते हैं। जैसे- आदर्श आचार संहिता क्या होती है? इसे कौन लागू करता है? इसके नियम-कायदे क्या हैं? इसे लागू करने का मकसद क्या है? इनके अलावा इस मुद्दे से जुड़ी कई और जिज्ञासाएँ भी हैं, जिनके बारे में हर जागरूक मतदाता को जानकारी होनी चाहिये।
क्या है आचार संहिता
मुक्त और निष्पक्ष चुनाव किसी भी लोकतंत्र की बुनियाद होती है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में चुनावों को एक उत्सव जैसा माना जाता है और सभी सियासी दल तथा वोटर्स मिलकर इस उत्सव में हिस्सा लेते हैं। चुनावों की इस आपाधापी में मैदान में उतरे उम्मीदवार अपने पक्ष में हवा बनाने के लिये सभी तरह के हथकंडे आजमाते हैं। ऐसे माहौल में सभी उम्मीदवार और सभी राजनीतिक दल वोटर्स के बीच जाते हैं। ऐसे में अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को रखने के लिये सभी को बराबर का मौका देना एक बड़ी चुनौती बन जाता है, लेकिन आदर्श आचार संहिता इस चुनौती को कुछ हद तक कम करती है।
चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत अनेक बातें शामिल है-
1. सरकार के द्वारा लोक लुभावन घोषणाएँ नहीं करना ।
2. चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न करना ।
3. राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के द्वारा जाति, धर्म व क्षेत्र से संबंधित मुद्दे न उठाना।
4. चुनाव केदौरान धन-बल और बाहु-बल का प्रयोग न करना ।

राजस्थान में नवम्बर को होगा मतदान
मिजोरम में 7 नवम्बर में होगा मतदान, 3 दिसम्बर को होगी वोटों की गिनती, छत्तीसगढ़ में दो चरणों में होगा मतदान, 7 और 17 नवम्बर को होगी वोटिंग, राजस्थान में 23 नवम्बर को होगा मतदान, 3 दिसम्बर को होगी वोटों की गिनती, 23 नवंबर को होगा राजस्थान में मतदान, तेलंगाना में 30 नवम्बर को होगा मतदान
चुनावों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है।
राजस्थान में 20 जनवरी को मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो जाएगा, उससे पहले सरकार का गठन होना और विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है।
मध्यप्रदेश में कैसे थे पिछली बार के नतीजे?
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो इस साल के अंत में चुनाव होने की उम्मीद है. एमपी की सभी 230 सीटों पर नवंबर 2023 में या उससे पहले चुनाव कराने का ऐलान हो सकता है. राज्य में विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को समाप्त होने वाला है.
राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर 2018 में हुआ था. उस चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन मार्च 2020 में, 22 कांग्रेस (Congress) विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके बाद राज्य सरकार गिर गई थी और मुख्यमंत्री कमल नाथ को इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद भाजपा ने राज्य में सरकार बनाई थी और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने थे.
राजस्थान का कार्यकाल 14 जनवरी 2024 को खत्म हो रहा
राजस्थान में विधानसभा का कार्यकाल 14 जनवरी 2024 को खत्म होने वाला है. राज्य की 200 सीटों पर नवंबर 2023 में मतदान हो सकता है. 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई थी और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने थे.
छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर होगा मतदान
छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर भी इस साल के अंत में ही चुनाव होने हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल 3 जनवरी 2024 को खत्म होगा. पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर 2018 में हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और भूपेश बघेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.
तेलंगाना में भी इस साल के आखिर में चुनाव
तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल 16 जनवरी 2024 को खत्म होने वाला है. 119 सीटों वाले तेलंगाना में दिसंबर 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने राज्य में सरकार बनाई थी. इसका नाम अभ भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया. चंद्रशेखर राव दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे.
मिजोरम की 40 सीटों पर मतदान 40 सीटों वाले मिजोरम में भी इस साल के अंत में चुनाव होना है. मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसंबर 2023 को खत्म होने वाला है. राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर 2018 में हुआ था, जिसमें मिजो नेशनल फ्रंट ने जीत हासिल की थी और राज्य में सरकार बनाई थी. तब जोरमथांगा मुख्यमंत्री बने थे.