दूध में मिलावट का बड़ा खेल: सेहत से खिलवाड़
भारत में दूध को सेहत और पोषण का प्रतीक माना जाता है। लेकिन हाल के दिनों में नवलगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सबको चौंका दिया। घर-घर बाइक सवार द्वारा दूध पहुँचाने वाले कुछ लोग मिलावटी दूध का कारोबार कर रहे थे।
खास बात यह है कि जैसे ही यह दूध गर्म किया गया, वह एक सामान्य तरल पदार्थ से गाढ़े चिपचिपे पदार्थ में बदल गया। सवाल यह है कि आखिर यह मिलावट कहां से आ रही है और इसका असर हमारी सेहत पर कितना खतरनाक हो सकता है?
दूध है या और कुछ?
झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ कस्बे के वार्ड 32 में सीताराम सबल के घर पर दूधवाला संदीप द्वारा दिया गया दूध का कमाल!
शहर की गलियों में सुबह का नज़ारा हमेशा चाय और दूध की खुशबू से भरा होता है। हर घर किसी न किसी दूधवाले का इंतज़ार करता है, क्योंकि बिना दूध के सुबह अधूरी लगती है। लेकिन वार्ड 32 की यह छोटी-सी कहानी दूध और दूधवाले संदीप को खास बना देती है।
सीताराम सबल के घर रोज़ाना दूध पहुंचाने वाला संदीप सिर्फ दूधवाला ही नहीं, बल्कि पूरे मोहल्ले में चर्चा का विषय बन चुका है। वजह है – उसके लाए दूध का कमाल!
कैसे होती है दूध में मिलावट?
•गाढ़ापन लाने के लिए डिटर्जेंट, स्टार्च या सिंथेटिक केमिक्ल्स का प्रयोग किया जाता है।
•कुछ कारोबारी पानी के साथ-साथ यूरिया, साबुन या कृत्रिम तरल पदार्थ मिलाते हैं, ताकि दूध अधिक मात्रा में लगे और जल्दी खराब न हो।
•यह दूध सामान्य दिखने और स्वाद में असली जैसा लगता है, लेकिन पकने पर इसका स्वरूप बदल जाता है।
सेहत पर खतरनाक असर
•ऐसे मिलावटी तत्व पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं।
•यूरिया और डिटर्जेंट जैसे केमिकल्स किडनी और लिवर की कार्यक्षमता पर बुरा असर डालते हैं।
•बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह दूध और भी खतरनाक साबित होता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
पहचान कैसे करें मिलावटी दूध?
•दूध को गर्म करने पर उसका रंग और गाढ़ापन अचानक बदल जाए।
•स्वाद कड़वा, साबुन जैसा या कृत्रिम लगे।
•पानी मिलाने पर दूध का पूरा रंग फीका हो जाए।
•डेयरी टेस्ट किट के जरिए दूध को आसानी से परखा जा सकता है।
समाधान क्या है?
•भरोसेमंद स्रोतों से ही दूध लें।
•पैकेज्ड दूध खरीदते समय हमेशा FSSAI मार्क देखें।
•घर पर टेस्ट करने की आदत डालें और संदेह होने पर तुरंत अधिकारियों को सूचना दें।
•स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना भी जरूरी है ताकि लोग इस मिलावटखोरी से बच सकें।