राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक पार्टियां जनता को चुनावी सौगात देकर अपने पक्ष में करने में लगी है.
इस बीच फिर से राजस्थान में मरूप्रदेश (Maru Pardesh) निर्माण की चर्चा तेज हो गई है. ऐसे में सवाल ये कि क्या राजस्थान के दो टुकड़े होंगे. क्या चुनाव से पहले ये मोदी का मास्ट्ररस्ट्रोक होगा.
इससे पहले प्रदेश में 19 नए जिलों की घोषणा करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मास्टरस्ट्रोक खेल दिया था. कयास लगाये जा रहे है कि केंद्र सरकार की ओर से विशेष सत्र बुलाया गया है.
पश्चिमी राजस्थान के बेहतर विकास को लेकर इसकी लंबे समय से मांग है. इसी विशेष सत्र के आगाज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि यह सत्र ऐतिहासिक रहने वाला है, लिहाजा ऐसे में दावे किए जा रहे हैं कि इस संसद सत्र के दौरान अयोध्या, मुंबई और मरूप्रदेश को नए प्रदेश के रूप में गठन को लेकर सरकार बिल ला सकती है. हालांकि इस मसले पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है.
जिसमें मरूप्रदेश (Maru Pardesh) को लेकर चर्चाएं उठ रही है. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने मरूप्रदेश (Maru Pardesh) की फाइल को दिल्ली मंगवाया है. सोशल मीडिया पर जनता लगातार इस बारे में पोस्ट कर रही है.
वहीं अगर यह प्रदेश अस्तित्व में आता है तो यह दुनिया का 9वां गम भूभाग होगा. साथ ही आपको बता दें कि देश का 14.65% खनिज उत्पादन इसी क्षेत्र से होता है. वहीं देश की 27 प्रतिशत तेल और गैस की आपूर्ति भी इसी क्षेत्र से की जाती है. जनसंख्या की बात की जाए तो इस क्षेत्र में 2 करोड़ 85 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, जबकि क्षेत्र की साक्षरता दर 63 फ़ीसदी से ज्यादा है. 18 सितंबर को सोशल मीडिया पर हमारी मंगरु प्रदेश भी ट्रेड करता रहा.
ये जिले होंगे मरूप्रदेश में शामिल
यदि राजस्थान को 2 भागों में बांटा जाता है तो पश्चिमी प्रदेश का नाम मरू प्रदेश रखा जा सकता है. थार के मरूस्थल के इलाके में आने वाले जिले इसमें शामिल हो सकते हैं. 50 जिलों में से 17 से ज्यादा जिले नए प्रदेश में शामिल हो सकते हैं. नए प्रदेश का हिस्सा जालोर, बाड़मेर, सांचोर, फलौदी, बालोतरा, जोधपुर पश्चिम, जोधपुर पूर्व, बीकानेर, जैसलमेर, अनूपगढ़, श्रीगंगानगर, पाली, नागौर, चूरू, सीकर, नीमकाथाना और डीडवाना कुचामन जिले हो सकते हैं.