शुद्ध के लिए युद्ध में अब मेडिकल स्टोर पर दवाओं की भी होगी जांच, 10 जून से चलेगा अभियान
नशीली व नकली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए चलाया जाएगा यह अभियान
चिकित्सा, रसद, पुलिस व औषधि नियंत्रण विभाग की संयुक्त टीम करेगी कार्रवाई
झुंझुनू, 9 जून। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों की जांच के लिए चलाए जाने वाले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत इस बार नशीली व नकली दवाओं की जांच भी की जाएगी। इस संबंध में खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से छह जून को ही आदेश जारी किए गए है और इन्हीं आदेशों के तहत 10 जून से अभियान चलाया जाएगा।
जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने बताया कि शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार फूड शेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006, ड्रग्स एवं कोस्मेटिक एक्ट 1940 तथा ड्रग्स एंड मैजिक रिमेडिस एक्ट 1954 के तहत जिले के हर उपखंड स्तर पर एक-एक टीम गठित की जाएगी। टीम में चिकित्सा विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिकारी के अलावा रसद विभाग, औषधि नियंत्रक विभाग व पुलिस के सदस्य भी शामिल होंगे, जो अपने- अपने विभाग के अनुसार कार्रवाई करेंगे। विधि बाट माप विज्ञान अधिकारी, डेयरी प्रतिनिधि भी इसमें शामिल किए जा सकेंगे।
नशीली व नकली दवाईयां मिलने पर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस होगा निरस्त:
विभागों की संयुक्त टीम खाद्य सुरक्षा के तहत दूध, मावा, पनीर व दुग्ध उत्पादों, आटा, बेसन, खाद्य तेल, घी, सूखे मेवे व मसालों, बाट एवं माप की जांच करेगी। यह टीमें नशीली व नकली औषधियों के तहत नशीली व नकली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए चिन्हित मेडिकल स्टोर का निरीक्षण के साथ-साथ नकली व अवमानक दवाओं के संदिग्ध मेडिकल स्टोर की जांच व नमूने लेना, आपत्तिजनक विज्ञापन व चमत्कारी औषधियों के प्रकरण के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए एफआईआर दर्ज करवाने, नशीली व नकली दवा पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही करेगी। इसके अलावा बाट-माप तोल अधिकारी सही तौल व पुलिस इन मामलों में कानूनी कार्रवाई करेंगे।
मिलावटी खाद्य सामग्री के मामलों का 90 दिन में होगा निस्तारण :
जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने बताया कि खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम के लिए मिलावटी खाद्य सामग्री के मामलों का निस्तारण राज्य सरकार के आदेशानुसार 90 दिन की अवधि में किया जाएगा। खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार खाद्य पदार्थों के सब स्टैण्डर्ड, मिस ब्रॉड व अनसेफ के प्रकरणों की आवश्यक जांच के बाद चालान एडीएम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। अब ऐसे प्रकरणों की एडीएम न्यायालय सप्ताह में एक बार सुनवाई सुनिश्चित करेगा।