मुक्ता ने बताया कि मैंने स्वामी विवेकानंद का ध्येय वाक्य याद रखा। उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक सफलता नहीं मिल जाए। लक्ष्य तय करो और उसे पूरा करने में जुट जाओ। दिन रात एक कर दो। सपना भी सफलता का ही देखो। मैंने दस साल निजी सैक्टर में आईटी कम्पनी में कार्य किया। इस दौरान मोहाली, गुरुग्राम व मैसूर सहित अनेक जगह कार्य किया। फिर नौकरी छोड़ दी। वर्ष 2015 से आरएएस की तैयारी शुरू की। वर्ष 2016 में मेरी 848 वीं रैंक आई। फिर तैयारी जारी रखी। हर दिन चार से पांच घंटे नियमित पढाई की। मन से करो तो यह पढाई पर्याप्त होती है।
पिता महेन्द्र सिंह खेती करते हैं। मां मंजू देवी का निधन हो चुका। ससुराल सीकर जिले के नेतड़वास गांव में है। अभी परिवार सहित जयपुर रहती हूं। इधर बेटी की सफलता पर चिड़ावा में पिता व परिवार के सदस्यों ने मिठाई बांटी। वहीं जयपुर में बहन ज्योतिराव, नंदकिशोर पूनिया व अन्य ने मुक्ता को मिठाई खिलाई।
गुढ़ागौड़जी के निखिल पोद्दार की चौथी रैंक
आरएएस 2018 के परिणाम में पूरे प्रदेश में झुंझुनूं जिले के गुढ़ागौड़जी के निखिल कुमार पोद्दार ने चौथा स्थान हासिल किया है। निखिल के पिता हरिराम पोद्दार एक हार्डवेयर व्यापारी है, निखिल ने दसवीं में पूरे प्रदेश में 15वीं रैंक प्राप्त की थी वहीं, 12वीं में उन्होंने कॉमर्स में पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया था।