Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए परिणाम आने से पहले ही ईवीएम गायब होने का मामला सामने आया है.
चुनाव परिणामों से पहले गायब EVM को नहीं ढूंढ पाई पुलिस: दो SHO, पांच साइबर एक्सपर्ट जुटे; 5 दिन से है तलाश
राजस्थान के सबसे दूसरे बड़े जिले जोधपुर में मतदान शांतिपूर्वक हो गए लेकिन मतदान के बाद ईवीएम की कंट्रोल यूनिट के गायब हो जाने से प्रशासन में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि सेक्टर अधिकारी ने विभिन्न बूथ से मतदान पूर्ण होने के बाद कलेक्टर परिसर से ईवीएम मशीन और सहायक सामग्री को संकलित किया था।
लेकिन जब वह पॉलिटेक्निक कॉलेज जमा करवाने पहुंचे तो एक ईवीए कंट्रोल पैनल कम पाया गया। कंट्रोल पैनल के गम हो जाने की खबर से प्रशासन के सांस खुल गई। गनीमत रही कि यह रिजर्व यूनिट का कंट्रोल पैनल था जो कि मतदान के दौरान काम नहीं लिया गया नहीं तो प्रशासन के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन जाता।
जोधपुर में मतदान के दिन से गायब ईवीएम का पुलिस पता नहीं लगा पाई है। जिला कलेक्ट्रेट से बूथ तक के सभी सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा चुके हैं, लेकिन ईवीएम कहां गायब हुई, इसका सुराग नहीं लग पा रहा है।
हालांकि पुलिस के साइबर टीम अभी कैमरों में रुट की तलाशी ले रही है। लेकिन एक भी ऐसा क्लू नहीं मिला है जिससे ईवीएम तक पहुंचा जा सके। पुलिस के अनुसार अभी जांच चल रही है। उदयमंदिर और रातानाडा थाने के थानाअधिकारी सहित 5 साइबर एक्सपर्ट की टीम ईवीएम की तलाश में जुटी है।
निर्वाचन अधिकारी ने दर्ज कराया था मामला
बता दें कि 25 नवंबर को मतदान के बाद रिजर्व ईवीएम के गायब होने की सूचना मिली। जोधपुर शहर विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी चंपालाल ने जिला निर्वाचन अधिकारी को इसकी सूचना दी। यह सूचना राज्य निर्वाचन विभाग जयपुर को दी गई।
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज करवाया था। गायब ईवीएम रिजर्व यूनिट की थी अगर पोलिंग होती तो मुश्किलें बढ़ जाती।
सेक्टर अधिकारी को किया सस्पेंड
जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता को जब इस बात की जानकारी मिली कि सेक्टर अधिकारी के पास एवं कंट्रोल पैनल मशीन नहीं मिल रही है तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत प्रभाव से सेक्टर अधिकारी पंकज जाखड़ को निलंबित करने के आदेश जारी किए।
क्या है कंट्रोल यूनिट?
ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन दो यूनिटों से तैयार की जाती है। पहला कंट्रोल यूनिट और दूसरा बैलट यूनिट। इन यूनिटों को आपस में केबल से एक दूसरे से जोड़ा जाता है। ईवीएम की कंट्रोल यूनिट मशीन पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रखा जाता है और बैलेटिंग यूनिट मशीन को मतदाताओं द्वारा मत डालने के लिए वोटिंग कंपार्टमेंट के भीतर रखा जाता है।
दरअसल ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि मतदान अधिकारी मतदाता की पहचान की पुष्टि कर सके। ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के साथ, मतदान पत्र जारी करने के बजाय, मतदान अधिकारी बैलेट बटन को दबाता है, जिससे मतदाता अपना मत डाल सकता है। मशीन पर अभ्यर्थी के नाम और प्रतीकों की एक सूची उपलब्ध होती है जिसके बराबर में नीले बटन होते है। मतदाता जिस अभ्यर्थी को वोट देना चाहते हैं उनके नाम के सामने में दिए बटन दबा कर वोट डालता है।