New Rules From 1st April 2025: आज से सबसे बड़ा बदलाव आयकर कर व्यवस्था में हुआ है. 1 अप्रैल 2025 से नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) डिफ़ॉल्ट विकल्प होगी. जिसके अंतर्गत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसके अलावा वेतनभोगी लोगों के लिए 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी लागू होगा, यानी 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स-मुक्त हो सकती है.
1 अप्रैल 2025, यानी आज से नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो रही है. ऐसे में आज से कई ऐसे नियम भी बदल रहे हैं जो आम आदमी से लेकर करदाताओं और वरिष्ठ आदमियों की जेब पर भी सीधे असर डालने वाले हैं. ये इनकम टैक्स, क्रेडिट कार्ड, और अन्य वित्तीय क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे.
* बदलाव जो लागू होंगे…*
1. टैक्स स्लैब में बदलाव: 20 से 24 लाख की इनकम के लिए नया स्लैब
क्या बदलाव हुआ है: न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम में 20 से 24 लाख की इनकम के लिए 25% टैक्स का नया स्लैब भी शामिल किया गया है।
असर क्या होगा: पहले 30% की अधिकतम दर 15 लाख रुपए से ऊपर की आय पर लागू होती थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 24 लाख रुपए कर दी गई है। इससे मध्यम और उच्च-मध्यम आय वर्ग को कर में बचत होगी।
2. TDS लिमिट की सीमा बढ़ी: ₹6 लाख तक की रेंटल इनकम पर टैक्स नहीं
क्या बदलाव हुआ है: कुछ भुगतानों पर TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की सीमा को बढ़ाया गया है…
रेंट से होने वाली इनकम पर TDS छूट दोगुनी : रेंट से होने वाली इनकम पर TDS की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़कर ₹6 लाख हो गई है।
वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज आय पर छूट दोगुनी : बैंक FD से ब्याज आय अर्जित करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS सीमा ₹50 हजार से बढ़कर ₹1 लाख हो गई है।
प्रोफेशनल सर्विस पर TDS सीमा में बढ़ोतरी: प्रोफेशनल सर्विस पर TDS की सीमा अब 30 हजार से बढ़कर 50 हजार हो गई है।
असर क्या होगा: इससे कम आय वाले व्यक्तियों पर TDS का बोझ कम होगा और नकदी प्रवाह में सुधार होगा।
3. TCS लिमिट की सीमा बढ़ी: विदेश में पढ़ाई के लिए ₹10 लाख तक भेजने पर टैक्स नहीं
क्या बदलाव हुआ है: विदेश में पढ़ाई के लिए पैसा भेजने पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) की लिमिट अब 7 लाख रुपए से बढ़कर 10 लाख रुपए हो गई है। वहीं अगर पैसा किसी फाइनेंशियल आर्गनाइजेशन जैसे बैंक आदि से लोन लिया गया हो TCS नहीं लगेगा।
असर क्या होगा: TCS हटने से छात्रों और उनके परिवारों दोनों को फायदा होगा। पहले 7 लाख से ज्यादा कि राशि पर 0.5%-5% TCS कटता था। इससे ट्रांसफरिंग प्रोसेस थोड़ी हेक्टिक बन जाती थी। वहीं अब दूसरे छोर पर 10 लाख रुपए तक की पूरी राशि पहुंच पाएगी।
4. अपडेटेड रिटर्न भरने के लिए ज्यादा समय: 48 महीने तक दाखिल कर सकेंगे
क्या बदलाव हुआ है: अब टैक्सपेयर्स असेसमेंट ईयर के अंत से 24 महीने के बजाय 48 महीने तक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। इसकी कुछ शर्तें हैं…
24 से 36 महीने के बीच दाखिल रिटर्न पर 60% अतिरिक्त टैक्स।
36 से 48 महीने के बीच दाखिल रिटर्न पर 70% अतिरिक्त टैक्स।
असर क्या होगा: इससे करदाताओं को अपनी गलतियों को सुधारने के लिए अधिक समय मिलेगा। स्वैच्छिक अनुपालन भी बढ़ेगा। यानी, किसी व्यक्ति या संगठन का अपनी मर्जी से नियमों, कानूनों का पालन करना।
5. यूलिप पर कैपिटल गेन टैक्स: ₹2.5 लाख से ज्यादा प्रीमियम कैपिटल एसेट माना जाएगा
क्या बदलाव हुआ है: यदि यूलिप यानी, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान का प्रीमियम प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपए से अधिक है, तो इसे कैपिटल एसेट माना जाएगा। ऐसे यूलिप को भुनाने से होने वाले किसी भी फायदे पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। यूलिप एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसमें प्रीमियम का एक हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है।
यदि इसे 12 महीने से अधिक समय तक रखा जाता है, तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के रूप में 12.5% टैक्स लगेगा।
यदि इसे 12 महीने से कम समय तक रखा जाता है, तो इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) के रूप में 20% टैक्स लगेगा।
असर क्या होगा: उच्च प्रीमियम वाले ULIP में निवेश करने वालों को अब टैक्स देना होगा। सरकार ने ये बदलाव हाई-इनकम टैक्स पेयर्स को यूलिप को टैक्स-फ्री इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट के रूप में उपयोग करने से रोकने के लिए किए हैं। यूलिप प्रीमियम का एक बड़ा हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है, इसलिए सरकार का तर्क था कि इसे ट्रेडिशनल इंश्योरेंस की तरह टैक्स छूट नहीं मिलनी चाहिए।
6. UPI नियमों में बदलाव
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) 1 अप्रैल, 2025 से ऐसे मोबाइल बैंकों के UPI ट्रांजैक्शन को बंद करने वाली है, जो लंबे से इनएक्टिव हैं. यानी अगर आपके बैंक अकाउंट से कोई पुराना नंबर लिंक्ड है, जो लंबे समय से बंद है तो UPI ट्रांजैक्शन को जारी रखने के लिए आपको 1 अप्रैल, 2025 से पहले बैंक अकाउंट से नया नंबर लिंक करा लेना चाहिए. अगर आप 1 अप्रैल, 2025 से पहले इस काम को पूरा नहीं करते हैं तो आपको UPI से ट्रांजैक्शन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
7. क्या RBI घटाएगा रेपो रेट?
फरवरी 2025 में RBI ने 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती कर रेपो रेट 6.25% कर दिया था। फरवरी में महंगाई दर 3.61% तक गिर गई, जो आरबीआई के 4% के लक्ष्य से कम है। ऐसी उम्मीद है कि रेपो रेट एक बार फिर कम हो सकता है। 9 अप्रैल को MPC की बैठक में रेपो रेट में 0.25% की और कटौती हो सकती है। इससे होम लोन और अन्य लोन की ईएमआई कम हो सकती है।
8. डिजीलॉकर में स्टोर कर सकेंगे इन्वेस्टमेंट स्टेटमेंट
SEBI के नए नियमों के तहत, डिमैट अकाउंट और म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट स्टेटमेंट अब DigiLocker में स्टोर किए जा सकेंगे। निवेशक अपने दस्तावेजों के लिए नामित व्यक्ति (Nominee) जोड़ सकते हैं। निवेशक की मृत्यु की स्थिति में KYC एजेंसियां नॉमिनी को नोटिफाई करेंगी, जिससे फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया आसान होगी।
9. राजस्थान के सरकारी स्कूलों और अस्पतालों का समय बदला
राजस्थान के सरकारी स्कूलों व अस्पतालों में समय बदलने का समय नजदीक आ रहा है। एक अप्रेल से उपखंड के स्कूलों व अस्पतालों के समय में परिवर्तन किया जाएगा। ग्रीष्मकालीन समय के अनुसार 1 अप्रेल से स्कूलों के समय पर परिवर्तन किया जाएगा।
शिविरा पंचाग के अनुसार, एक अप्रेल से स्कूलों का समय सुबह 7.30 बजे से 1 बजे तक लगेंगे। जबकि दो पारी विद्यालयों का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक निर्धारित है। इसमें प्रत्येक पारी 5.30 घंटे की होगी। 1 अप्रेल से अस्पतालों का ओपीडी समय बदल जाएगा। मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में अब ओपीडी सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक संचालित होगी।