राजस्थान के 3 जिलों से गुजरेगी 200 किमी लंबी नई नहर, इन इलाकों में होगी जमीन अधिग्रहण

Rajasthan News : राजस्थान में सिंचाई के लिए पानी की बहुत बड़ी समस्या है। राजस्थान की जनता के लिए बड़ी राहत वाली खबर सामने आई है। राजस्थान के तीन जिलों में 200 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जानी है। योजना के तहत पहले चरण में लगभग 4694.247 जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इससे जमीन प्राप्त करने वाले करीब 5046 लोग प्रभावित होंगे। अनुबंधित कंपनी ने जनसुनवाई की तैयारी की है। प्रभावित ग्रामीणों ने कई संदेह व्यक्त किए हैं, लेकिन अधिकारियों ने इसके लाभ गिनाए हैं।

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राजस्थान में पेयजल से लेकर खेती के लिए सिंचाई के पानी बहुत ज्यादा दिक्कत होती है। राजस्थान के कई इलाके ऐसे हैं जहां खेती बरसात के पानी पर निर्भर है। राजस्थान के तीन जिलों में 200 किलोमीटर लंबी नहर से किसानों की मौज होने वाली है। राजस्थान में पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (PKC-ERCP) अब रफ्तार पकड़ने वाला है। धानेरा गलवा बीसलपुर ईसरदा परियोजना के तहत 200 किलोमीटर की लंबाई के नहर निर्माण का सिस्टम तैयार किया जा रहा है।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि निर्माण के लिए कितने गांवों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। पहले, रामगढ़-महलपुर में बैराज और नवनेरा पंप हाउस बनाया जाएगा। पानी बीसलपुर-ईसरदा बांध में जाएगा। डीपीआर बनाया जा रहा है और काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। गौरतलब है, पहले चरण में 9600 करोड़ रुपए की लागत आएगी। वर्ष 2028 तक चंबल का पानी बीसलपुर और ईसरदा बांधों तक लाया जाएगा। क्योंकि बीसलपुर को 2027 तक की जनसंख्या को देखते हुए बनाया गया था

इससे होने वाले फायदे

•परियोजना क्षेत्र में जल संग्रहण का एक बड़ा स्रोत बन जाएगा, जो भू-जल स्तर को बढ़ा देगा।
•निचले क्षेत्र में बने जल संग्रहण स्रोतों को आवश्यकतानुसार जल मिलेगा। जिससे क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त मात्रा में जल मिलेगा।
किसानों को लाभ मिलेगा, क्योंकि कृषि उत्पादकता बढ़ेगी।
•पेयजल की उपलब्धता होगी।


•प्रदेश के 10 जिलों (हाल ही में बनाए गए 17 जिलों) में बाढ़ और सूखे की घटना कम होगी।
•जल की उपलब्धता के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र भी बढ़ेगा। लोगों को नौकरी मिलेगी।
•बांधों में पर्याप्त जल होने पर पेयजल से वंचित इलाकों, शहरों और कस्बों को पेयजल मिलेगा।

5046 परिवारों की जमीन की जाएगी, अधिग्रहित

रामगढ़-महलपुर बैराज और नवनेरा पंप हाउस निर्माण के दौरान कोटा और बारां जिले की किशनगंज, मांगरोल, बारां और दीगोद तहसील में 4694.247 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की घोषणा की गई है। बैराज और पम्प हाउस डीपीआर के तहत तहसीलों में 5046 परिवारों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी।