समय पर पता चले तो कैंसर का इलाज संभव : डॉ. मालानी
दिनभर में 85 मरीजों का की फ्री कैंसर स्क्रीनिंग, हफ्तेभर बाद आएगी सभी की रिपोर्ट
चिड़ावा : समय पर पता चल जाता है तो कैंसर जैसी बीमारी का भी इलाज संभव है। यह कहना है समाजसेवी डॉ. मधुसुदन मालानी का। अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच की ओर से चलाए जा रहे मिशन कैंसर कंट्रोल व जागृति अभियान के तहत चिड़ावा में रविवार को लगे कैंसर स्क्रीनिंग कैंप के शुभारंभ पर हुए कार्यक्रम में बोल रहे थे।
यह कैंप चीनी गोदाम में हिम्मतरामका परिवार की ओर से लगाया गया। डॉ. मालानी ने कहा कि अक्सर हमारी लापरवाही के कारण हमें कैंसर का लास्ट स्टेज पर जाकर मालूम चलता है। तब तक सारे इलाज फेल हो जाते है। लेकिन समय समय पर जांच करवाकर हम इसे शुरूआती दिनों में पता लगाकर इसका इलाज करवा सकते है।
इससे पहले चिड़ावा चेयरमैन सुमित्रा सैनी, पूर्वी राजस्थान अग्रवाल सम्मेलन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष झंडीप्रसाद हिम्मतरामका, अग्रवाल जन कल्याण समिति के अध्यक्ष दामोदर प्रसाद हिम्मतरामका, पार्षद निखिल चौधरी तथा पूर्व वाइस चेयरमैन महेश हिम्मतरामका ने कैंप का शुभारंभ किया। दिनभरी चले कैंप में कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णा के नेतृत्व वाली टीम ने ना केवल चिड़ावा कस्बे, बल्कि झुंझुनूं जिला मुख्यालय तक के आए करीब 85 मरीजों की जांच की। कैंसर स्क्रीनिंग मोबाइल वैन में ही 85 मरीजों की मेमोग्राफी, डिजिटल एक्स-रे, पीएएस, सीए 125 मशीन, पीएपी सेमर जैसी आधुनिक मशीन द्वारा जांच की गई।
कैंसर डिटेक्शन वैन में जो टेस्टिंग उपकरण लगे थे। उनके द्वारा कैंसर संबंधी लगभग 15 कीमती जांचें आमजन के लिए निशुल्क उपलब्ध कराई गई। इनकी जांच रिपोर्ट करीब हफ्तेभर बाद आएगी। आए हुए अतिथियों का प्रदीप—संदीप हिम्मतरामका ने स्वागत किया। परिवार के मुखिया झंडीप्रसाद हिम्मतरामका ने बताया कि उनके परिवार द्वारा लगातार बांसवाड़ा और उदयपुर में भी कैंसर स्क्रीनिंग कैंप लगाए जा रहे है।
इसी क्रम में चिड़ावा में यह पहला कैंप लगाया गया था। मारवाड़ी युवा मंच का लक्ष्य है कि वे अधिक से अधिक लोगों को कैंसर जैसी बीमारी को लेकर जागरूक करें और स्क्रीनिंग कर इसके विकराल रूप होने से पहले इलाज शुरू करवा सके। मारवाड़ी युवा मंच ने इस साल 20 लाख लोगों को जागरूक करने और डेढ़ लाख लोगों की स्क्रीनिंग करने का लक्ष्य ले रखा है।
इस मौके पर डॉ. कुसूमलता शर्मा, पार्षद राजेंद्र पाल कोच, संपतदेवी, कमलेश मालानी, मोती—सुरेश हिम्मतरामका, रमेश—गौरव हिम्मतरामका, आशीष पारीक, श्रवण गुप्ता, संगीता, रेखा, ममता हिम्मतरामका, माधव, प्राची, सौम्या, दिव्यांश हिम्मतरामका, संदीप बिंवाल, मनोज—संजय फतेहपुरिया व सीए लोकेश अग्रवाल झुंझुनूं आदि ने सेवा सहयोग दिया।