Kolida में गींदड़ व चंग धमाल आयोजन का शुभारम्भ

कोलीड़ा में गींदड़ व चंग धमाल आयोजन का शुभारम्भ
चढ़ै डंका, घलै गींदड़ … की गूंज पर झूमे नृतक

कोलीड़ा। मुख्य चौक कोलीड़ा में गुरूवार को पारम्परिक गींदड़ एवं चंग-धमाल आयोजन की शुरूआत हुई। गींदड़ स्थल पर दीप प्रजवलित कर गींदड़ व चंग-धमाल का उद्घाटन किया गया। इसके बाद उपस्थित गींदड़ प्रेमियों ने गींदड़ के पहले गेड़ की भी शुरूआत की। सांवरमल दाधिच के नगाड़ा वादन व विरेन्द्र शर्मा के बांसुरी की स्वरलहरियों पर गींदड़ कलाकारों ने गींदड़ नृत्य कर रंगारंग आगाज किया। इससे पहले मुख्य चौक पर रंग-बिरंगी फरियों से सजावट की गई। हर वर्ष की भांति आकर्षक मंच बनाया गया। उल्लेखनीय है कि कोलीड़ा के मुख्य चौक ‘गुवाड़’ में हर वर्ष होली के उपलक्ष्य पर सार्वजनिक स्तर पर गींदड़ का आयोजन होता है। इस वर्ष गींदड़ आयोजन सात दिन तक चलेगा। इसका समापन होली के दिन रात्रि दस बजे होगा। समापन समारोह में श्रेष्ठ गींदड़ नृतकों, स्वांग रचियताओं, वाद्ययंत्र वादकों व कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। 

उद्घाटन पर ये रहे उपस्थित : 
मुख्य चौक में रात्रि 9.15 बजे दीप प्रजवलन कर उद्घाटन किया गया। इस मौके पर सरपंच शिवपाल सिंह मील, पंस सदस्य प्रतिनिधि धर्मेन्द्र मील, मदनसिंह जाखड़, राधेश्याम सोनी, सांवरमल शर्मा, सुशील शर्मा, प्रदीप शर्मा, डॉ. महेन्द्र मील, दीनदयाल मील, प्रकाश मील, याकूब गौरी, संदीप टेलर, संदीप शर्मा, हरिराम मील, सुरेश जाखड़, राजकमल जाखड़, दिलीप भार्गव, रमेश मील, महमूद गौरी, नरेश टेलर, देवेश शर्मा, धनेश डमोलिया सहित कई गींदड़ प्रेमी उपस्थित थे।

फाल्गुनी गीतों पर खूब नाचे धमाल रसिक
रूत आई रै पपैया तेरै बोलण की …

गींदड़ समापन के बाद मुख्य चौक में चंग-धमाल का कार्यक्रम हुआ। सांवरमल दाधिच ने ‘सुमरण कौ रै सारां पैली गजानन को रै …’ धमाल से इसका आगाज किया। इसके बाद दीनदयाल मील के चंग की थाप व विरेन्द्र शर्मा की बांसुरी की स्वर लहरियों पर ‘रूत आई रै पपैया थारै बोलण की रै …।’ धमाल से फागण महिने की मस्त बयार में में मस्ती भरे रंग घोल दिए। इस दौरान  ‘गौरा हट ज्या, भरतपुर गढ़ बांकौ रै…।’ जैसे धमाल व ‘गीगा सो ज्या म्हारा लाल’ जैसे फाल्गुनी गीतों पर रसियौं ने ‘लुळ-लुळ’ नाचने का आनन्द लिया।