Jaipur Right to Health Bill: निजी अस्पतालों में सरकारी योजनाओं का बहिष्कार, सम्पूर्ण स्वास्थ सेवाएं बंद का आह्वान
राजस्थान की राजधानी जयपुर में प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम सोसायटी के आह्वान पर सरकार के राइट टू हेल्थ बिल का विरोध शुरू कर दिया गया है. सरकार आगामी 21 मार्च को यह विधेयक विधानसभा में लाने वाली है.
झुंझुनूं कलेक्टर के बंगले पर डॉक्टर्स का धरना:राइट टू हेल्थ बिल का विरोध
झुंझुनूं : राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ झुंझुनूं में निजी डॉक्टर्स ने शनिवार को कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। डॉक्टर्स ने आरोप लगाया कि DSP सिटी ने कहा कि 10 मिनट में धरना हटाओ, नहीं तो फोर्स बुलाता हूं।
डॉक्टर्स का कहना है कि डीएसपी सिटी ने गिरफ्तारी की धमकी भी दी। इससे डॉक्टर्स भड़क गए। इसके बाद कलेक्टर के बंगले पर धरना शुरू कर दिया और पुलिस का विरोध किया।
इससे पहले कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए बिल को वापस लेने की मांग की। आईएमए जिलाध्यक्ष डॉ. लालचंद ढ़ाका ने बताया कि सरकार राइट टू हेल्थ बिल के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है।
धरने के साथ में मीटिंग का आयोजन किया जिसमे प्रस्तावित स्वास्थ्य के अधिकार बिल जो कि वास्तव ने निजी अस्पतालों में जबरदस्ती मुफ्त इलाज का बिल हैं, के विरोध में सभी निजी चिकित्सकों ने अपने अस्पतालों के गैट पर ताला लगा कर अपने अस्पतालों को बंद किया और उनकी चाबिया धरना स्थल पर एकत्रित किया 85 अस्पतालों ने अपनी चाबियाँ संघर्ष समिति को सौंप दी जिन्हें ज़िला कलेक्टर को भेंट किया गया और उनसे माँग की गई कि अब निजी अस्पतालों को आरटीएच बिल के चलते चलाना असंभव है इन अस्पतालों को अब सरकार ही चलायेगी
समिति के जिला कोर्डिनेटर डॉ कमल चंद सैनी ने बताया कि आज शुरू किया गया धरना कल भी जारी रहेगा और कल ज़िला मुख्यालय पर गांधी चौक से नेहरू पार्क तक विशाल रैली निकाली जाएगी जिसमें पूरे ज़िले के स्वास्थ्य कर्मी शामिल होंगे और विशाल संख्या में आरटीएच का विरोध करेंगे
कल भी निजी अस्पतालों, क्लीनिक और रेडियोलोजी डायग्नोस्टिक सेंटर्स में किसी भी प्रकार की सेवा उपलब्ध नहीं होगी रैली और घेराव के दौरान इस काले कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर के इस बिल को वापस लेने के मांग की जाएगी इसी क्रम में दिनांक 20 मार्च को जयपुर पहुँच कर विधान सभा का घेराव किया जायेगा इस धरने में जिले भर से 100 से भी अधिक निजी चिकित्सक उपस्थित हुए जिनमे डॉ कुंदन सिंह मील, डॉ सुभाष भारद्वाज, डॉ लक्ष्मीकांत शर्मा, डॉ लालचंद ढाका, डॉ शुभकरण बुरी, डॉ अनिल महलावत, डॉ अशोक चौधरी, डॉ अर्शा चौधरी, डॉ रवि मोखरिया, डॉ ओपी सैनी, डॉ कारन सिंह बेनीवाल, डॉ पुष्पेंद्र बुडानिया, डॉ संतोष ढाका, डॉ मनीष शर्मा, डॉ अंकुर मील, डॉ सुधीर रेवाड़, डॉ पवन सिहाग,डॉ अरुण सूरा, डॉ देंवेंद्र चाहर, डॉ नरेंद्र श्योराण, डॉ प्रियंका बुडानिया, डॉ नरेंद्र जांगिड़ आदि शामिल थे
सरकार 21 मार्च को सदन के पटल पर रखेगी बिलः प्राइवेट हॉस्टिपल एंड नर्सिंग होम सोसायटी का कहना है कि सरकार राइट टू हेल्थ बिल को आगामी 21 मार्च को सदन के पटल पर रखकर पारित कराने पर आमादा है. राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तावित राइट टू हेल्थ बिल के विरोध मे प्राईवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी ( PHNHS) व यूनाइटेड प्राईवेट क्लिनिक्स एंड हॉस्पिटल्स ऑफ राजस्थान ( UPCHAR) द्वारा गठित ऑल राजस्थान प्राईवेट डॉक्टर्स संघर्ष समिति ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इस आंदोलन का पूरे प्रदेश के समस्त संगठनों ने निर्विरोध समर्थन किया है. पिछले 2 दिन से संपूर्ण प्रदेश में समस्त सरकारी योजनाओं ( चिरंजीवी व RGHS) का संपूर्ण बहिष्कार किया जा रहा है.
आमरण अनशन की चेतावनी: इसके चलते चिकित्सक संघठनों ने जयपुर सहित संपूर्ण राजस्थान मे रविवार, 19 मार्च सुबह 8 बजे से अनिश्चितकालीन संपूर्ण मेडिकल सेवाएं बंद करने का आह्वान किया है. रविवार व सोमवार को समस्त राजस्थान से चिकित्सक जयपुर के जेएमए सभागार में एकत्रित होंगे. रविवार को JMA सभागार में सदबुद्धि यज्ञ के आयोजन के साथ ही प्रदेश के चिकित्सकों द्वारा अनिश्चितकालीन आमरण अनशन किया जाएगा. जिसके बाद सोमवार को पूरे प्रदेश के चिकित्सक अपने अपने क्षेत्रों व जिलों से कूच कर के जयपुर पहुंचेंगे और एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा. चिकित्सक संघठनों का कहना है कि राइट टू हेल्थ बिल को किसी भी सूरत में में पारित नहीं होने दिया जाएगा.