प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कल्याण योजना
18 ट्रेड के दस्तकारों को मिलेगा लाभ
ट्रेनिंग के दौरान मिलेंगे 500 रुपए प्रतिदिन बतौर स्टाइपेंड
ट्रेनिंग के बाद 15 हजार रुपए की सहायता टूल किट के लिए
3 लाख रुपए का ऋण भी मिल सकेगा
केंद्र सरकार देगी ब्याज अनुदान
जिला कलक्टर बचनेश अग्रवाल ने जिला उद्योग केंद्र को दिए आवश्यक निर्देश
झुंझुनूं : जिले में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कल्याण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का कार्य शुरु हो गया है। जिला कलक्टर बचनेश अग्रवाल ने इस संबंध में जिला उद्योग केंद्र को आवश्यक निर्देश दिए हैं। योजना सितंबर 2023 में पूरे देश में लागू की गई थी।
योजना के तहत कारपेन्टर, बोट मेकर, शस्त्रसाज, लुहार, हैमर एंड टूलकिट मेकर, लॉक स्मिथ, मूर्तिकार, सुनार, कुम्हार, चर्मकार एवं फुटवियर आर्टिजन्स, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाईट झाडू निर्माता, गुड़िया व खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, फिशिंग नेट मेकर संबंधी 18 ट्रेड के दस्तकारों को लाभ दिया जायेगा। उक्त योजना के संबंध में राज्य स्तरीय मोनीटरिंग कमेटी एवं जिला स्तरीय इम्पलीमेंटिंग कमेटी का गठन राज्य सरकार के स्तर पर प्रकियाधीन है। जिला स्तर पर जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक अभिषेक चोबदार को योजना का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस संबंध में उद्योग विभाग के आयुक्त सुधीर कुमार शर्मा ने भी योजना की प्रगति की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए हैं।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए https://pmvishwakarma.gov.in साइट पर विजिट कर सकते हैं। जानते हैं इस योजना कौन योग्य है, किन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी और अप्लाई करने की प्रक्रिया क्या है?
योजना के तहत प्रमुख प्रावधान
– ग्राम पंचायत या शहरी स्थानीय निकाय के स्तर पर उक्त 18 ट्रेड के दस्तकारों का पंजीकरण कराया जाएगा, जिसके बाद लेवल-1 पर ग्राम पंचायत या शहरी स्थानीय निकाय द्वारा, लेवल-2 पर जिला स्तर पर तथा लेवल-3 पर राज्य स्तर पर सत्यापन किया जाएगा।
– चयनित दस्तकारों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट एवं आई कार्ड प्रदान किए जाएंगे।
– बेसिक स्किल ट्रेनिंग को तहत (5 से 7 दिन तक) 500 रूपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड ।
– प्रथम अंश के रूप में 1 लाख रूपये तक का कोलेट्रल फ्री ऋण 18 माह के लिए।
– एडवांस स्किल ट्रेनिंग (15 दिन के लिए) हेतु 500 रूपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड ।
– द्वितीय अंश (ट्रेंच) के रूप में 2 लाख रूपये तक का ऋण 30 माह के लिए।
– 15 हजार रूपये की टूलकिट सहायता।
– लाभार्थी से ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज लिया जायेगा, शेष ब्याज 8 प्रतिशत तक भारत सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
– डिजिटल ट्रांजेक्शंस हेतु 1 रूपये प्रति ट्रांजेक्शंस प्रोत्साहन दिया जायेगा जिसकी संख्या 100 ट्रांजेक्शंस प्रतिमाह होगी ।
– विपणन में सहयोग प्रदान किया जाएगा।
– योजना में 30 लाख दस्तकारों, कामगारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह है पात्रता:-
– स्वरोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथ और औजारों से काम करने वाला और योजना में उल्लिखित 18 परिवार आधारित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में संलग्न कारीगर या शिल्पकार योजनान्तर्गत पंजीकरण के लिए पात्र होगा।
– पंजीकरण की तिथि पर लाभार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
– लाभार्थी को पंजीकरण की तिथि पर संबंधित व्यवसायों में संलग्न होना चाहिए और पिछले पांच वर्षों में स्वरोजगार या व्यवसाय विकास के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार की समान क्रेडिट आधारित योजनाओं यथा- पीएमईजीपी, पीएम-स्वनिधि, मुद्रा के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिए। ।
हालाकि, मुद्रा और स्वनिधि के लाभार्थी जिन्होंने अपना ऋण चुका दिया है, पीएम-विश्वकर्मा के तहत पात्र होंगे। पांच वर्ष की इस अवधि की गणना ऋण स्वीकृत होने की तिथि से की जाएगी।
– योजना के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेंगे। योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए “परिवार को पति-पत्नी और अविवाहित बच्चों के रूप में परिभाषित किया गया है।
– सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे।
जानें प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की क्या विशेषताएं हैं?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य विश्वकर्मा समाज के लोगों को आर्थिक सहायता देकर उनके हुनर को निखारना है इस योजना के तहत दो प्रकार से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा जिसमें पहली बेसिक ट्रेनिंग होगी जो वेरिफिकेशन के बाद 40 घंटे की होगी इसके अलावा दूसरी ट्रेनिंग एडवांस ट्रेनिंग होगी इस ट्रेनिंग को इच्छुक उम्मीदवार 120 घंटे के लिए कर सकते हैं ट्रेनिंग के बाद लाभार्थियों को सर्टिफाइड किया जाएगा
इसके अलावा इस योजना के तहत कारीगरों को लोन भी दिया जाएगा जो दो किस्तों में दिया जायेगा पहला ₹1,00,000 या धनराशि आपको 18 महीने में वापस करनी होगी और दूसरा ₹2,00,000 कर दी जाएगी जिसे वापस करने के लिए आपको 30 महीने का समय दिया जाएगाइस योजना के तहत ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके लोगों को सरकार द्वारा मार्केटिंग सपोर्ट भी दिया जायेगा