राजस्थान सरकार ने निकायों में शुरू की चुनाव की तैयारी, जारी किए ये आदेश

One State One Election In Rajasthan: राजस्थान में वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर सरकार की कवायद तेज हो गई है. सोमवार को 49 नगर निकायों में प्रशासक की नियक्ति करके भजनलाल सरकार ने वन स्टेट वन इलेक्शन लागू करने के संकेत दे दिए हैं. स्वायत्त विभाग की अधिसूचना के मुताबिक, राज्य की 49 नगर निकायों के निर्वाचित बोर्ड का 25 नवंबर को कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसी को देखते हुए सरकार ने निर्वाचित बोर्ड के गठन होने तक इन सभी नगर निकायों में प्रशासक की नियक्ति कर दी.

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राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 46 जिलों में 158 शहरी निकायों में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें 49 मौजूदा और बाकी नवगठित निकाय शामिल हैं। स्वायत्त शासन विभाग ने इन सभी निकायों में वार्डों की संख्या तय कर परिसीमन शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह काम अगले वर्ष मार्च तक पूरा किया जाएगा। इन वार्डों के लिए मापदंड भी निर्धारित कर दिए हैं। ऐसे में साफ हो गया है कि जिन 49 निकायों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, वहां प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे।

विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश में साफ कर दिया है कि चुनाव जल्द से जल्द कराए जाने हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि राज्य सरकार की एक राज्य-एक चुनाव की मंशा के अनुरूप होने हैं या फिर यह प्रस्ताव फिलहाल ठंडे बस्ते में चला जाएगा। सरकार मंशा जता चुकी है कि एक राज्य-एक चुनाव के तहत निकाय और पंचायतों के चुनाव एक साथ हों।

प्रदेश के 49 शहरी निकायों के बाद अब प्रदेश की 6 हजार 759 ग्राम पंचायतों में प्रशासक लगाने की तैयारी की जा रही है। निकायों की तर्ज पर पंचायतों के वार्डों के परिसीमन पर भी विचार किया जा रहा है।

इन ग्राम पंचायतों का जनवरी में कार्यकाल पूरा हो रहा है। इससे पहले अब चुनाव के आसार नहीं हैं। सरकार ने शहरी निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ करवाने के लिए अभी फैसला नहीं किया है।

उधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी में चुनाव करवाने की तैयारी शुरू करते हुए हर पंचायत में वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए प्रगणक लगाने के आदेश दिए हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू की

सरकार की तैयारियों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी में पंचायत चुनाव करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए प्रगणक नियुक्त करने को कहा है।

पंचायत के तीन या चार वार्डों के लिए एक प्रगणक नियुक्त होगा। एक प्रगणक के पास आवंटित वार्डों में 1100 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। आयोग ने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को ही प्रगणक नियुक्त करने को कहा है।

पंचायतों में प्रशासक लगने पर सरपंच और वार्ड पंच नहीं रहते। पंचायत के सारे अधिकार प्रशासक के पास ही रहते हैं।

चुनाव आयोग ने शुरू करवाया वोटिंग लिस्ट बनाने का काम इधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने भी इन निकायों में खत्म होते कार्यकाल को देखते हुए चुनाव की तैयारियां शुरू करवा दी है। आयोग ने पिछले दिनों सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) को पत्र लिखकर मौजूदा वार्ड के मुताबिक वोटिंग लिस्ट बनाने पर काम शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत डीईओ को सात दिन में प्रगणकों की नियुक्ति करने के लिए कहा है।

प्रगणकों की नियुक्ति में निम्न तथ्यों का ध्यान रखा जाए:-

1. ग्राम पंचायत के प्रत्येक तीन या चार वार्डों के लिए एक प्रगणक की नियुक्ति इस बात को ध्यान में रखते हुए की जाए कि उसे आवंटित्त वार्डों के कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 1100 रहे।

2. एक प्रगणक को एक से अधिक पंचायतों के वार्ड आवंटित नहीं किए जाए।

3. यथा संभव बीएलओ को ही प्रगणकों के पद पर नियुक्त किया जाए।

4. यथा संभव संबंधित ग्राम पंचायत में पदस्थापित कार्मिक को उसी वार्ड के लिए प्रगणक नियुक्त किया जाए ताकि उसे अपने वार्ड की सीमा एवं मतदाताओं की पूर्ण जानकारी हो।

5. नियुक्त किए जाने वाले प्रगणक किसी राजनीतिक दल एवं राजनैतिक गतिविधियों में लिप्त/संलग्न/संबंध नहीं हो।

6. प्रगणकों की नियुक्ति का कार्य इस आदेश के जारी होने के 07 कार्य दिवस में पूर्ण कर लिया जाए।

7. प्रगणक के पद पर नियुक्ति योग्य 10 प्रतिशत अतिरिक्त कार्मिकों की सूची तैयार रखी जाएं।