Jaipur Bikaner bypass सीकर में बनेगी जयपुर की तर्ज पर रिंग रोड, यह बाइपास होगा फोरलेन
प्रदेश की भाजपा सरकार ने आज अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। प्रदेश की वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने विधानसभा में बजट पेश किया। इसमें सीकर में युवा साथी केंद्र,खाटूश्यामजी शहरी क्षेत्र को क्लीन एंड ग्रीन ईको सिटी के रूप में विकसित करने सहित कई घोषणाएं की गई है।
शिक्षानगरी सीकर में बढ़ती जाम की समस्या को देखते हुए सरकार ने जयपुर की तर्ज पर रिंग रोड बनाने का विजन दिखाया है। वहीं सरकार ने जयपुर-बीकानेर बाइपास को भी फोरलेन करने की तैयारी कर ली है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से लेकर राज्य सरकार के कई मंत्री इस प्रोजेक्ट की पिछले एक साल में दो बार घोषणा कर चुके है, लेकिन अभी तक काम धरातल पर नहीं आया है। इस मार्ग पर पांच स्थानों पर पुलिया भी बनना तय है।
इसमें सांवली चौराहा, नानी बाइपास, पालवास रोड व धोद रोड व चंदपुरा चौराहा शामिल है। सड़क इंजीनियरिंग से जुड़े एक्सपर्ट ने चंदपुरा रोड पर बनने वाले ओवरब्रिज को लेकर सवाल उठाए हैं। शहरवासियों का कहना है कि फिलहाल चंदपुरा रोड पर यातायात का इतना प्रेशर भी नहीं है और भविष्य में रिंग रोड भी बननी है। ऐसे में चंदपुरा रोड पर फिलहाल ओवरब्रिज नहीं बनाना चाहिए। यहां पुलिया बनने से इलाके के लोगों की चुनौती और ज्यादा बढ़ सकती है।
• सीकर में फतेहपुर सड़क से नवलगढ़ सड़क तक 6.5 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क और दो रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण 250 करोड़ रुपए की लागत से होगा।
• सीकर के सबलपुरा स्टैंड से भढाढर तिराहे तक विद्यमान टू -लेन सड़क से फोरलेन सड़क निर्माण और अन्य कार्य (5 किमी.) के 15 करोड़ की लागत से होंगे।
चौधरी चरण सिंह सांवली सर्किल : दिनभर लगता जाम
मेडिकल कॉलेज के साथ बाइपास इलाके में लगातार नई बसावट होने की वजह से सांवली सर्किल पर यातायात का लगातार दवाब बढ़ रहा है। यह मार्ग सीकर शहर के निवासियों को अजमेर रोड से भी जोड़ता है। सांवली चौराहे के पूरी तरह आवासीय व व्यावसायिक जोन में आने की वजह से यहां हादसे होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में यहां पुलिया निर्माण की सबसे ज्यादा आवश्यकता है।
जलभराव की समस्या कब खत्म होती है?
रोड रामू का बास तिराहे से भढाडर तक फोरलेन होना चाहिए। नानी से भढाडर तक बिना बारिश के भी काफी जलभराव होता है। पानी निकासी के प्रोजेक्ट को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है, हालांकि प्रशासन ने लगभग 350 करोड़ रुपये का डीपीआर भी बनाया है
चंदपुरा क्षेत्र में पुलिया बनने पर शहर में बसों का प्रवेश कैसे होगा?
चंदपुरा में भी बाइपास फोरलेन के लिए प्रस्तावित डीपीआर में पुलिया का निर्माण तय माना जा रहा है। फिलहाल, शहर में निजी बसों और रोडवेज का प्रवेश भी यही है। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि चंदपुरा चौराहे पर भी पुलिया बनाया जाता है तो बसों को जयपुर रोड से शहर में आना होगा।
इससे शहर में जाम की समस्या और भी गंभीर होगी। चंदपुरा रोड पर अभी केवल कुछ गांवों की यातायात है। यहां पुलिया नहीं बनाने से सरकार को सीधे तौर पर राजस्व मिल सकेगा। Expert कहते हैं कि सरकार को रिंग रोड डीपीआर के बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए, जिससे लोगों को नुकसान नहीं हो।
राजस्थान : 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनेंगे
• 5 हजार करोड़ से ज्यादा से सड़क, ब्रिज का उन्नयन कार्य किया जाएगा। 2750 किमी से ज्यादा लंबाई के 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनेंगे।
• 60 हजार करोड़ रुपए की लागत हो आएगी। बीओटी मॉडल पर बनेंगे। 21 हजार किमी सड़कें 6 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाएंगी।
• हर विधानसभा में 10-10 करोड़ की राशि से नॉन-पैचेबल सड़कों के कार्य करवाए जाएंगे।
• मरुस्थलीय क्षेत्र में यह राशि 15-15 करोड़ रुपए प्रति विधानसभा दी जाएगी।
• प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 1600 बसावटों को डामर सड़कों से जोड़ा जाएगा।
• 5 हजार से अधिक ग्रामीण कस्बों में सीमेंट कंक्रीट से अटल प्रगति पथ बनेंगे।
• 500 करोड़ की लागत से 250 गांवों में यह काम अगले साल होंगे।