झुंझुनूं: छात्र संगठन एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। राज्य सरकार के खिलाफ जमकर विरोध जताया।

राजस्थान की युवाओं का भविष्य खराब करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को पत्र सौंपा। छात्र संगठन एसएफआई ने मांग की है कि रीट परीक्षा की सीबीआई से जांच करवाई जाए।

एसएफआई ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला फुंका, राज्यों से आने वाले अभ्यार्थियों क़े लिए राजस्थान क़े अंदर प्रतियोगिता परीक्षा में कोटा निर्धारित किया जाए!
एसएफआई ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला फुंका,रीट भर्ती की सीबीआई जांच करवाने की मांग
दिनांक 1 फरवरी 2022 को छात्र संगठन एसएफआई ने जिला कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला दहन किया।
जिला महासचिव सचिन चोपड़ा ने बताया कि एसएफआई ने रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच करवाने,रीट के पद बढ़ाकर पचास हजार करने,एसएफआई नेताओ पर अलोकतांत्रिक तरीके से दर्ज किए गए मुकदमे वापिस लेने और प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया
एसएफआई के जिलाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने बताया कि रीट, एसआई और जेईएन जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक होना सरकारी तंत्र की नाकामयाबी को प्रदर्शित करता है।सरकारी तंत्र और मंत्रियों की मिलीभगत से ही पेपर लीक हुए है इसलिए सीबीआई जांच होना जरूरी है जिससे दोषियों का पता चल सके और उन पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जा सके जिससे बेरोजगार युवाओं का सरकार के प्रति विश्वास बना रहे।
छात्रसंघ अध्यक्ष अनीश धायल ने बताया कि शिक्षा संकुल से पेपर बाहर आना आसान नहीं होता इसमें जरूर सरकार के नुमाइंदों और मंत्रियों की सांठ गांठ रही है इसलिए दोषियों का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच करवा कर गहलोत सरकार जननायक होने का फैसला करे अन्यथा बेरोजगार युवा सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगा।
एसएफआई के प्रदेश महासचिव सोनू जिलोवा ने बताया कि जिस प्रकार से गहलोत सरकार ने जयपुर के शहीद स्मारक पर रीट के पद बढ़ाकर पचास हजार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे रीट अभ्यर्थियों और एसएफआई के नेताओ मुकदमे दर्ज किए गए वो लोकतंत्र की हत्या है जिस प्रकार गहलोत सरकार लोकतंत्र की दुहाई देती है असल में वोही गहलोत सरकार सबसे बड़ी लोकतंत्र की हत्यारी सरकार है इसलिए सरकार उन अभ्यर्थियों और एसएफआई के नेताओ पर दर्ज किए गए मुकदमे वापिस ले और रीट के पद बढ़ाकर पचास करे अन्यथा छात्र संगठन एसएफआई बड़े आंदोलन की ओर अग्रसर होगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार और प्रशासन की होगी ।इस दौरान छात्रसंघ महासचिव इंतजार अली,तहसील उपाध्यक्ष रोहित कालेर,विनय चौधरी,दीपक मीणा,शाहिद कुरैशी,राज्य कमेटी सदस्य चुकी नायक,पूजा नायक,हेमलता शर्मा,प्रियंका सहारण,डिंपल राजपूत,दीपिका,सीता, बबिता,सुजाता,अंकित गर्वा, केशव सांगला,रोहित खेतान, शाबीर भाटी, योगेश कटारिया, शाहिद कुरैशी,साहिल कुरैशी आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।