राजस्थान में मासूम बच्चों की तस्करी, हजारों रुपये में खरीद कर लाखों में बेचने का मामला आया सामने

राजस्थान में मासूम बच्चों की तस्करी का मामला आया सामने | उदयपुर में मासूम बच्चो को खरीद ओर बेचे जाने का मामला

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Rajasthan Udaipur News: राजस्थान के उदयपुर में मासूम बच्चों की खरीद फरोख्त का बड़ा मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार उससे सात माह का मासूम बच्चा बरामद किया है. महिला ने इस बच्चे को 70 हजार रुपये में खरीदा था. वह उसे दो लाख में बेचने की तैयारी में थी

हाइलाइट्स

  • महिला ने दंपति से खरीदा था मासूम बच्चा
  • उदयपुर के सिवान थाना इलाके का मामला
  • पकड़ी गई महिला आईवीएफ सेंटर पर काम करती है

राजस्थान में मासूम बच्चों की तस्करी का मामला: राजस्थान में एक बार फिर से मासूम बच्चों की तस्करी (Trafficking of Innocent Children) का नया मामला सामने आया है. उदयपुर की सवीना थाना पुलिस ने नवजात बच्चों की तस्करी के मामले में एक महिला को गिरफ्तार किया है. महिला के पास से 7 महीने का एक नवजात बच्चा मुक्त कराया गया है. यह महिला इस नवजात बच्चे को बेचने की फिराक में थी. इस बच्चे को झाड़ोल इलाके से 70 हजार रुपये में खरीदा गया था. इस नवजात को 2 लाख रुपये में दिल्ली में बेचने की तैयारी थी. पुलिस गिरफ्तार महिला से पूछताछ में जुटी है.

पुलिस ने दी जानकारी

पुलिस के अनुसार मुखबिर से सूचना मिली थी कि करीब 7 माह का नवजात बच्चा गोदी में लिए एक महिला संदिग्ध लग रही है. ऐसे में पुलिस की टीम ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने जावर माइंस के ओडा फला कालीघाटी निवासी राजकुमारी के रूप में अपनी पहचान बताई. पुलिस ने महिला के कब्जे से 7 माह के शिशु को बरामद कर बाल कल्याण समिति के आदेश पर शिशु गृह में रखा है. बताया जा रहा है कि राजकुमारी फिलहाल उदयपुर के वीआईपी कॉलोनी में कमरा किराए पर लेकर रहती है. वह एक आईवीएफ सेंटर पर काम करती है.

Trafficking of Innocent Children in rajasthan

सवीना थाने के एसएचओ योगेंद्र व्यास ने बताया कि राजकुमारी नाम की इस महिला ने पूछताछ में कबूल किया है कि उसने यह नवजात बच्चा झाड़ोल के रहने वाले दंपति रामलाल और पायल से 70 हजार रुपये में खरीदा है. वह उसे दिल्ली निवासी मनोज नाम की एक व्यक्ति को दो लाख में बेचने वाली है. महिला की सूचना पर पुलिस तुरंत झाड़ोल पहुंची लेकिन रामलाल और पायल फरार हो गए. दूसरी ओर एक टीम दिल्ली निवासी मनोज नाम की व्यक्ति की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस को अंदेशा है कि यह महिला पूर्व में भी नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त से जुड़ी हो सकती है. ऐसे में पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं.