कोविड 19 के बढते संक्रमण के चलते हर कोई भयभीत हैं। इसके बावजूद चिकित्सक अपनी डयूटी को पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहें है। ताकि कोरोना संक्रमित रोगियों की जान बचाई जा सके। क्षेत्र के कई चिकित्सक राज्य के अन्य अस्पतालों में रोगियों का उपचार कर रहें है। झुंझुनूं जिले के गांव खिरोड़ निवासी एक पति पत्नि भी अजमेर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय में कोविड संक्रमित मरीजों का उपचार एवं सेवा कर रहे हैं।
खिरोड़ गांव के रहने वाले श्वांस रोग विभाग के एसोसियट प्रोफेसर डॉ राजवीर एन कुलदीप तथा उनकी पत्नि कोविड वैक्सीन यूनिट प्रभारी डॉ प्रेरणा भी अस्पताल में रोगियों की जान बचाने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। डयुटी निभाने के दौरान डॉ प्रेरणा खुद भी कोरोना संक्रमित हो गई। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना को मात देते हुए ठीक हो गई। वह ठीक होते ही एक बार फिर से रोगियों का उपचार करने में जुट गई है।
कर्तव्य निभाने के लिये बच्चों को छोड़ा गांव
डॉ प्रेरणा ने बताया कि डयूटी के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए बच्चों को गांव में छोड़ रखा है। जिससे मरीजों का उपचार अच्छी तरह से कर सके। हालांकि बच्चों की याद आती है तो रात को डयूटी के बाद वीडियो कॉल से बातचीत करते हैं।
चिकित्सक बेटा- बहु पर हर किसी को है गर्व
चिकित्सा के क्षेत्र में सेवा दे रहे डॉ राजवीर एन कुलदीप तथा उनकी पत्नि प्रेरणा पर गांव में हर किसी को गर्व हैं। ग्रामीण बेटा -बहु की कोरोना काल में दी जा रही सेवा की सराहना कर रहा हैं।