बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ वीडी बाजिया ने बताया कि 24 वर्षिय दिल्ली निवासी रितू पत्नी नितीन रीट की परिक्षा देने खेतड़ी के परीक्षा केंद्र पर आई थी। रितु जब सुबह 10 बजे पेपर देने पहुंची उसी दौरान प्रसव पीड़ा आरंभ हो गयी। लेकिन प्रसूता पर शिक्षक बनने एक जुनून सवार था, तो रितू ने रिट का पेपर पूर्ण करने की हिम्मत दिखाई एवं अढ़ाई घण्टे के पेपर को डेढ़ घण्टे में समाप्त किया।
जटिलता के कारण किया झुंझुनूं रैफर
रितु को परिक्षा स्थल से एंबुलेंस द्वारा खेतड़ी अस्पताल ले जाया गया। वहां पर मैम्बरैन रप्चर होने एवं संभावित जटिल डिलिवरी के चलते खेतड़ी से एंबुलेंस के द्वारा राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में रैफर कर भर्ती कराया गया। बीडीके अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्टाफ के द्वारा बिना आपरेशन के दोपहर 3.30 बजे सामान्य प्रसव कराया गया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र भाम्बू ने बताया कि रीट एवं पुत्री दिवस के अवसर पर जन्मी नन्ही परी का वजन 2.6 किलो है एवं बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉ भाम्बू ने बच्ची की सामान्य जांच कर मां को दिया।
व्यवस्थओं के लिए दिया धन्यवाद
रितू ने परिक्षा स्थल से लेकर अस्पताल तक लेकर आने एवं रहने-खाने-पीने-चिकित्सा व्यवस्था समेत सभी व्यवस्थाओं के लिए जिला कलेक्टर उमरदीन खान, पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी, पीएमओ डॉ वीडी बाजिया, जनाना प्रभारी डॉ पुष्पा रावत, आरएमओ डॉ जितेंद्र भाम्बू एवं समस्त स्वास्थ्यकर्मियों का सामान्य प्रसव से स्वस्थ नन्ही परी पैदा होने पर धन्यवाद ज्ञापित किया।