शिव आराधना का प्रिय महीना श्रावण मास आज से शुरू: गुलाबी नगरी तैयारी शिव अराधना के लिए,सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक के लिए भक्तों की लगी लम्बी कतार

आज से महाशिव का प्रिय महीना श्रावण मास की शुरूआत हो गई है। शिवआराधना और जलाभिषेक के लिए पूरा शहर मंदिरों बाहर खड़ा है।जयपुर के करीब 1हजार शिव मंदिरों में बिना पाबंदी के भक्त कर सकेंगे जलाभिषेक,अनुष्ठान।

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29 दिनों में इस बार चार सोमवार व्रत होंगे। प्रथम सोमवार 18 जुलाई को आएगा।दूसरा सोमवार 25जुलाई को रहेगा। तीसरा सोमवार 1अगस्त को रहेगा और अंतिम चौथा सोमवार 8 अगस्त हो रहेगा। वहीं 12 अगस्त कीश्रावण पूर्णमा करने का अनुमान हैं।

दो साल बाद शिव भक्तों का उत्साह और उल्लास देखने वाला है

कोरोना के चलते शिव भक्त मंदिरों में शिव के ना तो इन पावन दिनों में दर्शन कर पाए थे ना ही जलाभिषेक। दो साल बाद भक्तों का उत्साह-भक्ति भी चरम पर है। इस बार भोले के भक्त बिना अनुमति के जलाभिषेक, पूजा अर्चना सहित अन्य अनुष्ठान कर सकेंगे। बम-बम भोले की गूंज के बीच भक्त प्रदेश में सुख समृद्धि और शांति की कामना के साथ ही अच्छी बारिश की कामना भी करेंगे। कुंवारी कन्याएं श्रेष्ठ वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखेगी। इसके साथ ही मंदिरों में विशेष फूलों की सजावट खास होगी। शहर के सबसे बड़े ताडकेश्वर महादेव मंदिर, क्वींस रोड स्थित झाडखंड महादेव मंदिर, दूधमंडी स्थित चमत्कारेश्वर, डबलशंकर, रोजगारेश्वर महादेव मंदिर सहित अन्य छोटे बड़े शिवालयों में शिवभक्तों का तांता सुबह से लेकर शाम तक देखने को मिलेगा।

मंदिरों की सफाई पर रखा गया विशेष ध्यान
शहर के सभी बडे शिवालयों सहित झाडखंड महादेव मंदिर में साफ सफाई, रंग रोगन सहित दर्शनों के लिए लाइनें तैयार करवाई गई है। दो—दो लाइनों के जरिए भक्तों को प्रवेश मिलेगा। इसके साथ ही रोजाना श्रावण मास में शिव मंदिरों में विशेष फूलों का श्रृंगार किया जाएगा। वहीं ताड़केश्वर महादेव मंदिर कई मायनों में खास है। यह पहले ताड़कनाथ के नाम से जाना जाता था। यह शिवलिंग स्वयंभू है। ज्योतिषाचार्य पं.निलेश शास्त्री ने बताया कि श्रावण में भगवान भोले के रुद्राभिषेक, पार्थिव पूजा, शिव सहस्रनाम का पाठ करने का विधान है। भगवान शिव को श्रावण का महीना प्रिय होने का कारण यह भी है कि भगवान शिव श्रावण के महीने में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। वही देवस्थान विभाग की ओर से श्रावण के हर सोमवार को प्रदेश के 33 जिलों के 44 बड़े और छोटे भोलेनाथ के मंदिरों में रुद्राभिषेक होगा। इस दौरान प्रदेश में सुख समृद्धि और शांति की कामना के साथ ही बम-बम भोले की गूंज के बीच अच्छी बारिश की कामना की जाएगी।