सरदारशहर के 11 वर्षीय दिव्यांग बिलाल का नहीं बन पा रहा था आधार, मंडावा के टाई में ‘प्रशासन गांव के संग’ शिविर में तुरंत बनवाया आधार कार्ड

अविकसित पैरों से भी लिखना सीखा, 8वी कक्षा में है अध्ययनरत, अधिकारियों ने किया बिलाल के हौंसले को सलाम

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‘प्रशासन गांव के संग’ शिविर किस कद़र आमजन के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है, इसकी एक बानग़ी गुरुवार को देखने को मिली।

दरअसल चूरू जिले के सरदारशहर का रहने वाला 11 वर्ष का बिलाल आठवीं कक्षा में पढ़ता है| हाथ और पैरों से दिव्यांग होने के कारण अभी तक आधार नहीं बनवा पाया था। बिलाल का ननिहाल झुंझुनूं जिले की मंडावा पंचायत समिति के गांव टाई में है।

गुरुवार को यहां आयोजित प्रशासन गांव के संग शिविर में वह अपनी मां गुलशन बानो और मामा मुराद अली के साथ आया। यहां पर उन्होंने शिविर प्रभारी और एसीईएम दमयंती कंवर, तहसीलदार सुनीता चौधरी, विकास अधिकारी नरेंद्र पूनियां को बताया कि बिलाल के दिव्यांग होने की वजह से उसका आधार कार्ड नही बन पाया है, क्योंकि उसके फिंगर प्रिंट नहीं आते। जिस पर शिविर प्रभारी दमयंती राठौड़ ने तुरंत 3 सदस्य कमेटी का गठन कर आंखों के रेटिना के आधार पर निकटतम आधार केंद्र बिसाऊ में बिलाल के आधार का पंजीकरण करवाने के निर्देश दिए, जिस पर बिलाल का आधार कार्ड बन गया।

अब बिलाल को आधार कार्ड बनने से दिव्यांगजन के लिए राज्य सरकार की तरफ से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। गौरतलब है का कद भी महज 2 फीट है। यह बिलाल की जीजिविषा ही है कि वह अविकसित पैर की अविकसित अंगुलियों से भी लिख लेता है। फिलहाल बिलाल 8वीं कक्षा में अध्ययनरत है। शिविर में मौजूद सभी अधिकारियों ने बिलाल के हौंसले को सलाम किया और उसे प्रेरित किया। वहीं बिलाल ने भी बताया कि वह पढ़-लिख कर जीवन में खुद को साबित करना चाहता है।