राजस्थान में बिजली महंगी, 33 पैसे प्रति यूनिट लगेगा फ्यूल सरचार्ज, 350 यूनिट पर 346.50 रुपए बिल में बढ़कर आएंगे |Jhunjhunu News

राजस्थान में एक बार फिर से बिजली महंगी हो गई है। तीनों डिस्कॉम ने 33 पैसे यूनिट के हिसाब से बिजली उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज लगा दिया है। यह फ्यूल सरचार्ज अप्रैल 2021 से जून 2021 के लिए 33 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से लगाया गया है। इसकी रिकवरी जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 के बिजली बिलों की रीडिंग के आधार पर होगी। खास बात यह है कि यह फ्यूल सरचार्ज सभी कैटेगरी के उपभोक्ताओं पर रहेगा। डिस्कॉम पहले बकाया सरचार्ज की अगले 3 महीने तक वसूली करेगी। यह हर महीने बिल में जुड़कर आएगा। ऐसे में 550 करोड़ रुपए सरचार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं से वसूले जाएंगे।

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ऐसे समझे फ्यूल सरचार्ज का गणित, 350 तक ज्यादा आएगा बिल
यदि किसी उपभोक्ता के 1 महीने का बिजली बिल 350 यूनिट आता है, तो आगामी बिल में 3 महीने तक कन्ज्यूम हुई बिजली पर फ्यूल सरचार्ज देना होगा। यह सरचार्ज जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 में खर्च हुई यूनिट पर 33 पैसे प्रति यूनिट लगेगा। ऐसे में सामान्य तौर पर इन तीन महीने का फ्यूल सरचार्ज 346.50 रुपए होगा। इससे ज्यादा यूनिट खर्च होने पर उसी अनुपात में यह सरचार्ज जुड़ता जाएगा। डिस्कॉम यह चार्ज उपभोक्ता से अगले तीन महीने तक इंस्टाॅलमेंट में वसूल करेगा।

फ्यूल सरचार्ज वसूलने का आदेश

अकेले जयपुर में 250 करोड़ की वसूली
प्रदेशभर से इस तरह करीब 550 करोड़ की वसूली होगी। अनुमान के मुताबिक, अकेले जयपुर डिस्कॉम ही करीब 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली करेगा। इससे पहले जयपुर डिस्कॉम ने अपने उपभोक्ताओं से 30 पैसे, 55 पैसे, 29 पैसे और 39 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज की वसूली की थी। तीनों डिस्कॉम की कॉमर्शियल विंग ने फ्यूल सरचार्ज अमाउंट जोड़ने के लिए अकाउंट सेक्शन को आदेश भिजवा दिया है।

क्या होता है फ्यूल सरचार्ज
राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेरिटी कमीशन हर साल बिजली खरीद समेत दूसरे खर्चों के कैलकुलेशन के बाद बिजली की टैरिफ तय करता है। इसमें कमीशन की ओर से कोयला, डीजल, ट्रांसपोर्टेशन चार्ज का खर्च निकाल उसकी लागत निकाली जाती है। इसकी वसूली उपभोक्ताओं से होती है। इस फ्यूल सरचार्ज की शुरुआत साल 2009 से राजस्थान में हुई थी। फ्यूल सरचार्ज को हर 3 महीने में बदला जाता है। जानकारी के मुताबिक, अब बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनियां महंगे रेट पर खरीदी गई बिजली का डिफरेंस भी फ्यूल सरचार्ज के रूप में वसूल रही हैं।