झुंझुनूं जिले में आबकारी शुल्क जमा नहीं कराना 9 शराब ठेकेदारों को महंगा पड़ा हैं। आबकारी विभाग ने कार्रवाई करते हुए अब तक जिले की 9 दुकानों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। जिला आबकारी अधिकारी सुमेर सिंह मीणा ने बताया कि ठेकेदारों द्वारा आबकारी शुल्क जमा नही करवाने पर विभाग द्वारा ठेकेदारों को आबकारी शुल्क को लेकर नोटिस जारी किए गए थे।
उसके बाद भी शुल्क जमा नहीं करवाने पर विभाग द्वारा कार्रवाई की गई। विभाग ने कार्रवाई करते हुए झुंझुनू जिले में शराब की 9 दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए हैं। कार्रवाई के बाद आबकारी विभाग ने इन दुकानों की फिर से नीलामी को लेकर आबकारी कमिश्नर जोगाराम को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। जिससे जिससे इन दुकानों की दुबारा नीलामी हो सकेगी।
लाइसेंस की शर्तों के उल्लंघन पर कई और दुकानों के लाइसेंस हो सकते हैं निरस्त
वहीं इसके विरोध में जिप सदस्य और शराब व्यवसायी पंकज धनकड़ ने विरोध जताया है। पंकज धनकड़ ने कहा कि कोरोना की लहर के बाद आर्थिक मंदी का दौर हर व्यापार में चल रहा है। ऐसे में शराब व्यवसाय भी इससे अछूता नहीं रहा है। पंकज धनकड़ ने कहा कि सरकार शराब व्यवसाय को राहत देने के बजाय उल्टे उनके लाइसेंस निरस्त कर रही है। यह कहां का न्याय है।
शराब ठेकेदारों ने उनकी डिपॉजिट राशि वापस देने की भी मांग की है। जिला वहीं जिला आबकारी अधिकारी सुमेर सिंह मीणा का कहना है कि शराब नीति का कोई ठेकेदार उल्लंघन करेगा तो आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस की शर्तों को लेकर अगर शराब ठेकेदारों का ऐसा ही रवैया रहा तो और कई और दुकानों के लाइसेंस भी निरस्त हो सकते हैं।