झुंझुनूं : फर्जी फर्म बनाकर GST में फर्जीवाड़ा जारी
इस बार प्राइवेट स्कुल शिक्षक बना फर्जीवाड़े का शिकार, स्टेट GST झुंझुनू टीम ने पकड़ी नवलगढ़ के बलरिया गांव में तीन फर्जी फर्म,
मनोहर लाल को एयरपोर्ट पर नौकरी का झांसा देकर दिल्ली के व्यक्ति ने मंगाए थे दस्तावेज,दस्तावेजों से तीन फर्जी बनाकर 3.66 करोड़ का फर्जी टर्नओवर दिखाया
39 लाख रूपये का बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट गुजरात के व्यापारियों को दिया,
टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए तीनों फर्मों के पंजीयन किये निरस्त
सहायक आयुक्त सुनील जानू व राज्य कर अधिकारी शक्ति सिंह ने की कार्रवाई
आठ माह में कुल 6 फर्जी फर्मों के विरूद्ध कार्यवाही कर राजस्व नुकसान को बचाया
विभाग के संयुक्त आयुक्त सुनील मील ने बताया कि जीएसटी पोर्टल पर जांच के दौरान बलरिया गांव में पंजीकृत फर्म मैसर्स एमएस एन्टरप्राइज का लेनदेन संदिग्ध पाया। गहनता से जांच की तो पता चला कि एक पेन नंबर पर दो और फर्म बलरिया गांव में पंजीकृत हैं। बलरिया निवासी मनोहरलाल सोढ़ा पुत्र श्यामलाल ही इन तीनों फर्मों का प्रोपराइटर है। इस पर सहायक आयुक्त सुनील जानू व टीम जब बलरिया गांव में फर्म के घोषित व्यवसाय स्थल पर पहुंची तो वहां पर मनोहरलाल सोढ़ा पुत्र श्यामलाल का आवासीय मकान मिला।
इस आवासीय मकान के पते पर 3 फर्म पंजीकृत होने की बात सुनकर मनोहरलाल सोढ़ा व गांव के लोग हतप्रभ रह गए। सभी ने बलरिया गांव में ऐसी कोई भी फर्म संचालित होने से इनकार किया। मनोहरलाल सोढ़ा साधारण परिवार से है तथा नाहरसिंघानी गांव के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता है। उसने खुद की ऐसी कोई फर्म होने से इनकार कर दिया। जीएसटी टीम जांच कर रही है।
4 महीने पहले रजिस्ट्रेशन कराया, अब तक 3.66 करोड़ रुपए का टर्नओवर
बलरिया गांव के पते पर 3 फर्जी फर्मों को अप्रैल 2023 माह में पंजीकृत करवा लिया गया। इनमें से एक फर्म मैसर्स एमएस एन्टरप्राईज में अप्रैल व जुलाई के दो महिनों में ही करीब 3.66 करोड़ रुपए का फर्जी टर्नओवर दिखा कर 39 लाख रुपए की बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट गुजरात के व्यापारियों को पास की गई है। टीम ने कार्यवाही करते हुए तीनों फर्मों के पंजीयन निरस्त कर दिए हैं।
इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। गुजरात की जिन फर्मों को बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट दिया गया है, उनके क्षेत्राधिकारियों को कार्यवाही कर राजस्व की वसूली सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा जाएगा। हालांकि टीम की सजगता के कारण दो फर्मों में फर्जीवाड़ा किया जाता उससे पहले ही मामला पकड़ में आ गया अन्यथा राजस्व के और अधिक नुकसान की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।