देश में कोविड-19 (COVID-19) का खौफ अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि एक और जानलेवा वायरस की एंट्री हो गई है. सूत्रों के मुताबिक H3N2 वायरस (H3n2 influenza virus) से देश में दो मौत के मामले रिपोर्ट हुए है. इसके साथ ही इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 90 हो गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में इसे लेकर माथापच्ची शुरु हो गई है और रोकथाम के उपायों को लेकर कोशिशें तेज कर दी गई हैं. उत्तर भारत में इस बीमारी के अधिक मामले आ रहे हैं.
स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है कि इस वायरस ने भारत में दो लोगों की जान ले ली है। देश में पहली बार संक्रामक एच3 एन2 इन्फ्लुएंजा से दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों में कर्नाटक के हासन जिले का 82 साल का वृद्ध और हरियाणा के जींद का 56 साल का व्यक्ति है। दोनों मरीजों को पुरानी बीमारियां भी थीं। देश में जनवरी से अब तक एच3एन2 इन्फ्लुएंजा के 3038 केस आए हैं।
H3N2 वायरस क्या है?
H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जिसे इन्फ्लूएंजा ए वायरस कहा जाता है. यह एक सांस रिलेटेड वायरल इन्फेक्शन है, जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है. इन्फ्लूएंजा ए वायरस का सबटाइप है जिसकी खोज 1968 में हुई थी. रोग नियंत्रण केंद्र (CDC)और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, H3N2 इन्फ्लूएंजा पक्षियों और दूसरे जानवरों से म्यूटेट होकर इंसानों में फैलता है.
H3N2 के क्या लक्षण हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मनुष्यों में एवियन, स्वाइन और अन्य जूनोटिक इन्फ्लुएंजा संक्रमण से सांस लेने में तकलीफ होना, ऑक्सीजन लेवल 93 से कम होना, छाती और पेट में दर्द और दबाब महसूस होना, बहुत ज्यादा उल्टी, मरीज के कंफ्यूज रहने या भ्रमित रहने और बुखार-खांसी रिपीट होना इसके लक्षण हैं.
कुछ मामलों में मरीज को डायरिया और नाक बहने की शिकायत हो सकती है. इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या बेचैनी का अनुभव होता है, लगातार बुखार और भोजन करते समय गले में दर्द होता है, तो डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है.