जीणमाता मंदिर अनिश्चितकालीन बंद, लेकिन क्यों? क्या है पूरा मामला?
शक्तिपीठ जीणमाता मंदिर कल से अनिश्चितकालीन बंद रहेगा। श्री जीणमाता मंदिर ट्रस्ट की ओर से गुरुवार को इसकी घोषणा की गई। इस दौरान जीण भवानी के गर्भ गृह में रोजाना होने वाली पूजा का जारी रहेगी। हालांकि भक्तों को दर्शन नहीं हो पाएंगे।
श्री जीणमाता मंदिर ट्रस्ट एवम संत सन्धिय व सर्वसमाज के प्रमुख प्रतिनिधियो की उपस्थिति में तीन अप्रैल को नवरात्र के पांचवें दिन नीमकाथाना से आए बत्तीसी संघ के सदस्यों, जिला प्रशासन और मंदिर के पुजारियों के बीच जमकर तकरार के बीच हंगामा, तोडफोड़ और मारपीट हुई थी। आरोप है कि इस दौरान पुजारियों के साथ मारपीट की गई और मंदिर परिसर में तोडफोड़ भी हुई।
पीड़ित पुजारियों का कहना है कि प्रशासन ने 7 दिनों के अंदर न्याय देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुजारियों ने आरोप लगाया कि उनकी पिटाई की गई और प्रशासन ने न्याय का आश्वासन देकर बात को टाल दिया। लेकिन 7 दिन बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे पुजारियों और साधु-संतों का आक्रोश फूट पड़ा।
ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि यदि शुक्रवार सुबह 10 बजे तक जिला प्रशासन दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता है, तो मंदिर के पट आम भक्तों के लिए अनिश्चितकालीन बंद कर दिए जाएंगे.
राजस्थान के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक:
श्री जीण माता मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी है. कहा जाता है कि इस मंदिर के आगे मुगल सम्राट औरंगजेब ने भी घुटने टेक दिए थे. मंदिर के समीप ही खाटू श्याम जी का प्रसिद्ध मंदिर भी है, जिससे यह इलाका श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि इसी स्थान पर कपिल मुनि ने तपस्या की थी.