झुंझुनूं में भी सामने आया किडनी कांड, धनखड़ अस्पताल में निकाली गई किडनी
जयपुर में फर्जी ऑर्गन ट्रांसप्लांट का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था की झुंझुनूं में भी एक किडनी कांड सामने आया है. पथरी का ईलाज करवाने आई महिला की एक किडनी खराब बताकर अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी दूसरी सही किडनी निकाल ली. यह मामला झुंझुनूं के धनखड़ अस्पताल का है.
झुंझुनूं: अस्पताल की गंभीर लापरवाही आई सामने, महिला की संक्रमित किडनी की जगह निकाल दी दूसरी किडनी मंडावा क्षेत्र के नूआं गांव की ईद बानो को झेलना पड़ रहा दंश
जानकारी के अनुसार पीड़िता बानो (54 साल) नुआं गांव (तहसील मंडावा) की रहने वाली है।
बानो को पेट में कभी भी तेज दर्द हो जाता था। कुछ दिन पहले दर्द होने पर उसे धनखड़ अस्पताल ले गए। बानो के पति शब्बीर ने बताया कि पहले भी स्टोन का दर्द हुआ था।
इस बार भी डॉ. संजय धनखड़ के पास गए तो उन्होंने कहा कि स्टोन का बार-बार दर्द होगा, इसलिए किडनी निकाल देते हैं। यदि यह नहीं निकाली तो किडनी खराब हो जाएगी और जिंदगी भर दर्द होता रहेगा। डॉक्टर ने 15 मई को सर्जरी की।
बेहतर इलाज करवाने का दिया ऑफर
मामला बढ़ता देख डॉ. संजय धनखड़ नूआं गांव ईद बानों के घर पहुंचे और परिवारवालों को अच्छे से इलाज करवाने का ऑफर दिया, लेकिन परिवारवालों ने माना करते हुए डॉ. धनखड़ को बैरंग वापस भेज दिया. इसके बाद डॉक्टर के खिलाफ परिवारवालों ने जिला प्रशासन के मुख्यालय जाकर धरना प्रदर्शन किया. जिसके बाद कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने परिवार वालों से मुलाकात कर पूरे मामले पर जानकारी ली.
धनखड़ अस्पताल में किडनी कांड के बाद बड़ा एक्शन
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने लिया बड़ा एक्शन, जयपुर में कहा-अस्पताल का रजिस्ट्रेशन किया गया सस्पैंड, विभिन्न सरकारी योजनाओं की लिस्ट से हटाया अस्पताल का नाम, डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के दिए संकेत, कहा—5 सदस्यों की कमेटी जांच के लिए गठित कर दी गई है
धनखड़ अस्पताल में किडनी कांड से जुड़ी खबर
कलेक्टर चिन्मयी गोपाल खुद पहुंची धनखड़ अस्पताल, अस्पताल का रिकॉर्ड किया जा रहा है सीज, तो वहीं अस्पताल को सीज करने की कार्रवाई हुई शुरू, अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी किया जाएगा शिफ्ट, राजकीय जिला बीडीके अस्पताल में किया जाएगा शिफ्ट, 5 विशेषज्ञ चिकित्सक की टीमों भी पहुंची धनखड़ अस्पताल, डॉ. संजय धनखड़ भी नहीं आ रहे है मामले में सामने, अभी तक भूमिगत बताए जा रहे है डॉ. संजय धनखड़
जानकारी के लिए बता दें कि डॉ. संजय धनखड़ के ईलाज में लापरवाही का ये कोई नया मामला नहीं है. 2016 में शहर के अंसारी कॉलोनी के एक बुजूर्ग की मौत और 2020 में सुलताना की एक महिला की मौत के आरोप लग चुके है, लेकिन जांच के नाम पर हर बार लीपापोती हो जाती है. 2016 तक डॉ. संजय धनखड़ राजकीय जिला बीडीके अस्पताल में सर्जन के पद पर कार्यरत थे, लेकिन अंसारी कॉलोनी के बुजूर्ग की मौत के बाद पहले उन्हें एपीओ और बाद में 2017 में सस्पैंड कर दिया गया था. इसके बाद उन्हें 2020 में फिर से चूरू जिले के एक गांव में पदस्थापित किया था, लेकिन इसके बाद डॉ. संजय धनखड़ ने ज्वाइन नहीं किया.