चीन में सांस के मामले बढ़ने पर सरकार ने राज्यों को अलर्ट पर रखा : एडवाइजरी जारी की

चीन की रहस्यमयी बीमारी से भारत में अलर्ट! केंद्र सरकार ने दी सलाह

चीन के लोगों खासकर बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू फैलने के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इस मामले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी च‍िंता जाह‍िर करते हुए चीन से संबंध‍ित जानकारी मांगी है। इसको लेकर भारत सरकार (Government of India) भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गई है।

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एचटी की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर अस्पताल की तैयारियों की समीक्षा करने के सख्‍त न‍िर्देश द‍िए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कहा है क‍ि स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में बच्चों में फैली सांस की बीमारी के मामलों में वृद्धि पर करीब से नजर रख रहा है।

चीन में श्वसन रोग बढ़ने पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

चिकित्सा संस्थानों में मॉक ड्रिल आज

उपलब्ध संसाधनों की जांच व स्थिति का लिया जाएगा निरीक्षण

सीकर। चीन में फैल रहे श्वसन रोग को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एडवाइजरी जारी करने के साथ ही चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है।

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इस संबंध में बुधवार को जिले के अस्पतालों में मॉक डिल की जाएगी। दरअसल पड़ोसी देश चीन में श्वसन रोगी बढने के बाद केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए है। जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में पर्यात ऑक्सीजन, दवाइयों ओर बैड की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। साथ ही अस्पतालों मंे जांच व मशीनों को लेकर जानकारी ली। चीन में बच्चों वृद्धजन, कोमारबिडिटी, गर्भवती महिलाओं में खांसी, गले में दर्द, खराश, बुखार, फेफडों व श्वास नली में सूजन, सास लेने में परेशानी को देखते हुए प्रदेशभर में चिकित्सा महकमें को सतर्क किया गया है।

सीएमएचओ डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि मंगलवार को वीडियो काम्फ्रेस के माध्यम से दिए गए निर्देशानुसार 29 नवम्बर बुधवार को जिले मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में माक ड्रिल कर निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के संलग्न चिकित्सालयों में संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, अधीक्षक आदि के द्वारा माक ड्रिल कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा। मॉक ड्रिल के दौरान चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध बैड, आइसोलेशन बैड, ऑक्सीजन सर्पोटेड आइसोलेशन बैड, आईसीयू बैड, वेंटीलेटर बैड, मानव संसाधन की स्थिति का जायजा लिया जाएगा। साथ ही एम्बुलेंस सुविधा, जांच सुविधा, दवाइयों की उपलब्धता, उपकरण, तकनीकी सुविधा (टेली मेडिसिन/कॉल सेंटर) की व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय, उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा मॉक ड्रिल की जाएगी।

चीन में श्वसन रोग के मामले बढ़ने पर, अतिरिक्त मुख्य सचिव ने की प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा



जयपुर: चीन में श्वसन रोग के मामलों में वृद्धि को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने प्रदेश के चिकित्सा प्रबंधन को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से जारी पत्र एवं उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार अभी तक स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन प्रदेशभर में संक्रामक रोगों की सर्विलेंस एवं रोकथाम के लिए चिकित्सा प्रबंधन पूरी सतर्कता के साथ कार्य करे। सभी चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा, उपचार आदि के समुचित इंतजाम सुनिश्चित हों।

श्रीमती सिंह चीन में पाई गई श्वसन संबंधी बीमारी से बचाव के लिए तैयारियों हेतु मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जानकारी के अनुसार फिलहाल देश में इस बीमारी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। फिर भी एहतियातन चिकित्सा तंत्र को मजबूत रखने की दृष्टि से सजगता बरती जा रही है।

तीन दिन में तैयार करें एक्शन प्लान—
श्रीमती सिंह ने निर्देश दिए कि इस बीमारी से बचाव एवं उपचार आदि व्यवस्थाओं के लिए 3 दिन में एक्शन प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने इसके लिए जिला एवं मेडिकल कॉलेज के स्तर पर एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करने तथा संभाग एवं जिला स्तर पर रेपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में बैड, ऑक्सीजन, जांच, दवा, उपचार, मानव संसाधन एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। चूंकि चीन में बच्चों में श्वसन रोग के मामले अधिक सामने आए हैं इसे देखते हुए शिशु रोग इकाइयों एवं मेडिसिन विभाग में उपचार के पर्याप्त इंतजाम हों। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के संबंध में जिला एवं राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा भी की जाएगी।

एसएआरआई रोगियों की रेंडम सैम्पलिंग करें—
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि राज्य एवं जिला स्तर के बड़े चिकित्सा संस्थानों में भर्ती सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआई) के रोगियों की रेंडम सैम्पलिंग कर उनके नमूने जयपुर एवं जोधपुर स्थित लैब में भेजे जाएं। उन्होंने कोविड-19 रोगियों की तरह आईएलआई एवं एसएआरआई रोगियों की भी आईएचआईपी पोर्टल पर दैनिक रूप से रिपोर्टिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों, वृद्धजनों, गर्भवती महिलाओं एवं को-मोरबिड रोगियों में संक्रमण की आशंका अधिक रहती है। अतः बचाव की दृष्टि से आमजन को आवश्यक उपाय अपनाने के लिए जागरूक किया जाए।

बुधवार को चिकित्सा संस्थानों में मॉकड्रिल—

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बुधवार को प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता की दृष्टि से मॉकड्रिल का आयोजन करने के निर्देश भी दिए। इस मॉकड्रिल के दौरान बैड, जांच, दवा, एम्बुलेंस, मानव संसाधन एवं आवश्यक उपकरणों आदि की मॉनिटरिंग की जाएगी। यह मॉकड्रिल मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक होगी। श्रीमती सिंह ने कहा कि भारत सरकार की ओर से इस बीमारी से बचाव के संबंध में जारी एडवाइजरी तथा चिकित्सा विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि यह एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए इसके रोगियों के लिए अलग से एम्बुलेंस चिन्हित की जाए ताकि अन्य रोगियों में संक्रमण नहीं फैले। उन्होंने इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री शिवप्रसाद नकाते ने मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में गाइडलाइन के अनुरूप सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में बुधवार को मॉकड्रिल गंभीरता के साथ की जाए।

बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि चीन में बच्चों में श्वसन रोग के मामले बढ़ने की जानकारी सामने आई है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह इंफ्लूएंजा, माइक्रोप्लाज्मान्यूमोनिया एवं सॉर्सकॉव-2 आदि के कारण होना पाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में श्वसन रोग विशेषकर कोविड-19 एवं म्यूकोरमाइकोसिस के शून्य केस रिकॉर्ड हो रहे हैं। संक्रामक रोगों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए चिकित्सा विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है।

अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में की जाने वाली तैयारियों से अवगत कराया। बैठक में एसएमएस मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. भारती मल्होत्रा, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील कुमार परमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, संयुक्त निदेशक जोन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।