राइट टू हेल्थ बिल किसी हाल में स्वीकार्य नहीं, 16 मार्च से आंदोलन की चेतावनी दी
झुंझुनूं | प्राइवेट हॉस्पिटल संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार को राज्य के निजी अस्पताल संचालकों की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि सरकार द्वारा प्रस्तावित राइट टू हेल्थ ( Right to Health Bill ) बिल किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है। इस संबंध में समिति का स्पष्ट मत है कि जब राज्य के नागरिकों को सभी स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही निशुल्क उपलब्ध हैं तो इसकी आवश्यकता ही नहीं है।
प्राइवेट हॉस्पिटल संघर्ष समिति के झुंझुनूं जिला कॉर्डिनेटर डॉ. कमल चंद सैनी ने कहा है कि यह बिल मात्र निजी अस्पतालों पर प्रशासन की अनावश्यक दखलंदाजी को बढावा देगा जिससे निजी अस्पतालों की गुणवत्ता प्रभावित होगी। समिति ने कहा कि चुनावी वर्ष में वोटर को लुभाने के लिए सरकार निजी स्वास्थ्य सेवाओं के साथ प्रयोग कर रही है जिससे नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा निजी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होगा। इस बिल के विरोध में समिति ने 16 मार्च से आंदोलन की चेतावनी दी है।
सरकार के इस अड़ियल रवैए के चलते गुरुवार को प्रदेश में इमरजेंसी के साथ ही निजी अस्पतालों में सम्पूर्ण मेडिकल सेवाएं बंद रखने का ऐलान किया है। डॉ. कपूर का कहना है कि सरकार यदि इस बिल को वापस नहीं लेगी तो अनिश्चितकालीन मेडिकल सेवाएं बंद रहेगी।