1 अक्टूबर से बदलने जा रहे हैं ये नियम, आपकी जेब पर पड़ सकता है असर

Rules Changes From October 2023 : सितंबर का महीना अब अपने अंतिम पड़ाव पर यानी खत्म होने वाला है और नया महीन अक्टूबर दस्तक देने के लिए तैयार है। नए महीने की पहली तारीख यानी 1 अक्टूबर से सरकारी कामों के साथ-साथ वित्तिय मामलों से संबंधित कई नियम बदलने जा रहे हैं। जिसका आम लोगों के साथ-साथ उनकी जेबों पर भी सीधा असर पर सकता है।

फिलहाल सितंबर के महीने में अभी 3  दिन बचे हैं। ऐसे में कई ऐसे काम हैं जिन्हें आपको 30 सितंबर तक जरूर कर लेना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं कि एक अक्टूबर से क्या-क्या बदलाव होने जा रहे हैं।

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नॉमिनेशन होगा अनिवार्य


सेबी ने डीमैट खाते (Demat Accounts), ट्रेडिंग खाते (Trading Accounts) और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए 30 सितंबर तक नॉमिनेशन अनिवार्य है। अगर कोई अकाउंड होल्डर 30 सिंतबर तक नॉमिनेशन नहीं करता है तो 1 अक्टूबर से उनके खाते को फ्रीज कर दिया जाएगा।

सर्टिफिकेट हो जाएगा अनिवार्य


सरकारी कामों के नियमों में भी 1 अक्टूबर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। एक अक्टूबर से स्कूल, कॉलेज में दाखिला, सरकारी नौकरी के आवेदन, आधार रजिस्ट्रेशन, शादी के रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन, वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने समेत कई अन्य चीजों के लिए सर्टिफिकेट का होना आवश्यकता हो जाएगा।

सरकारी बॉन्ड पर टीडीएस

1 अक्टूबर 2024 से फ्लोटिंग रेट बॉन्ड सहित स्पेसिफाइड सेंट्रल और स्टेट के बॉन्ड से प्राप्त ब्याज पर 10 फीसदी Tax Deducted at Source(TDS) लागू की जाएगी. यह बदलाव सरकारी बॉन्ड को टीडीएस के अधीन अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट के अनुरूप लाने के लिए बजट 2024 में पेश किया गया था. फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड समेत अन्य बॉन्ड अब इस नए टीडीएस नियम के अंतर्गत आएंगे. इन बॉन्ड्स में निवेश करने वालों को ब्याज भुगतान से टीडीएस की कटौती का पता चलेगा, जिसका सीधा असर ऐसे बॉन्ड्स पर पोस्ट-टैक्स रिटर्न पर पड़ेगा.

आधार एनरॉलमेंट आईडी अब पैन एप्लिकेशन और ITR फाइलिंग के लिए मान्य नहीं

1 अक्टूबर, 2024 से, परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) के लिए आवेदन करने या इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अपने आधार एनरॉलमेंट आईडी का उपयोग नहीं कर पाएंगे.

टीडीएस दरें


केंद्रीय बजट 2024 में प्रस्तावित टीडीएस दरों को वित्त विधेयक में मंजूरी दी गई थी। सेक्शन 19DA, 194H, 194-IB और 194M के तहत पेमेंट के लिए टीडीएस रेट को 5% से घटाकर 2% कर दिया गया है। ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए भी टीडीएस दर में कमी की गई है। ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए टीडीएस दर को 1% से घटाकर 0.1% कर दिया गया।