व्हाट्सएप पर शादी का कार्ड डाउनलोड करते ही जेब खाली, ठगी के इस नए तरीके से रहे Alert

Wedding Invitation Scam: डिजिटल दुनिया में आजकल ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अब साइबर अपराधी शादी के इनविटेशन कार्ड को भी अपना हथियार बनाने लगे हैं।

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राजस्थान में शादियों के माहौल में साइबर ठगों ने शादी कार्ड को ठगी का जरिया बना लिया है। ठगों की ओर से #WhatsApp मैसेज के जरिए शादी कार्ड की फाइल भेजी जा रही है जिसे डाउनलोड करने पर डिवाइस में अनधिकृत ऐप सक्रिय हो जाता है और सारे डेटा को ठगों तक पहुंचा देता है जिसके माध्यम से ठग ठगी को अंजाम देते हैं। ठगी से बचना है तो किसी भी अज्ञात नंबर से आए अटैचमेंट को डाउनलोड न करें। ऐसे मामले की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या cybercrime.gov.in पर दें। राजस्थान पुलिस ने एक्स पर साइबर चोरों की नई चाल पर लोगों को अलर्ट रहने की अपील की है।

Wedding Invitation Scam: क्या है यह नया स्कैम?


शादी और लगन के दिनों की शुरुआत के साथ लोगों में व्हाट्सऐप के माध्यम से डिजिटल शादी का कार्ड भेजने का प्रचलन बढ़ रहा है. इसका फायदा उठाकर साइबर अपराधी व्हाट्सऐप पर डिजिटल शादी कार्ड जैसा दिखने वाला एपीके फाइल भेज रहे हैं. यह बिल्कुल शादी के कार्ड जैसा दिखता है. फ्रॉड इस कार्ड का इस्तेमाल अब मालवेयर फैलाने और पर्सनल डेटा चुराने के लिए कर रहे हैं.

दरअसल, राजस्थान पुलिस के पास ऐसे कई केस आए है। अजमेर में हाल ही में पीड़ित व्यक्ति के अकाउंट से 4.50 लाख रुपए निकाल लिए। पीड़ित के मुताबिक मेरे पास अनजान नंबर से वॉट्सऐप पर शादी का कार्ड आया था। पूरा कार्ड में जितने भी नाम थे उनमें से किसी को मैं जानता नहीं था। सोचा, किसी ने गलती से भेज दिया होगा। करीब 4 दिन बाद मुझे पता चला कि मेरे अकाउंट से 4.50 लाख रुपए निकाल लिए गए हैं।

साइबर पुलिस की जांच में सामने आया कि मैं जब शादी का कार्ड पढ़ रहा था, उसी दौरान मेरा मोबाइल हैक कर पैसे निकाले थे।


बीकानेर के कैलाश के साथ हुई ठगी की ये अनोखी वारदात चौंकाने वाली थी। शादियों के सीजन में साइबर ठगों का ये कैसा नया जाल है?

ठीक ऐसा ही मामला अजमेर के मांगलियावास थाने में भी आया था। इसमें किसान योजना का APK डाउनलोड करवा कर फोन हैक कर लिया गया था।

आखिर ठगों ने बिना कुछ किए मोबाइल हैक कैसे किए?

इस तरह की ठगी रिमोट एक्सेस ऐप के जरिए होती है। ऐसे ऐप की फाइल APK में बनती है। क्योंकि गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे ऐप को बैन किया होता है। ये वो ऐप होते हैं जो आपके मोबाइल में एक बार इंस्टॉल होने पर साइबर ठग सारी जानकारी चुरा सकते हैं।

ऐसे में साइबर ठग रिमोट एक्सेस ऐप का APK लिंक बनाकर, उस फाइल को ‘आमंत्रण पत्र’ का नाम देकर उन्हें मैसेज भेजते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही रिमोट एक्सेस ऐप अपने आप डाउनलोड हो जाते हैं। अगर आपके वॉट्सऐप में ऑटो डाउनलोड चालू है तो बिना क्लिक किए भी ये ऐप डाउनलोड हो जाते हैं।

APK डाउनलोड होते ही ठगों के कब्जे में आ जाता है फोन

देवेंद्र बताते हैं- जैसे ही ये APK फाइल आपके फोन में इंस्टॉल होती है, आपके फोन का सारा कंट्रोल हैकर्स के पास चला जाता है। फोन का कॉल लॉग, कॉन्टेक्ट, निजी तस्वीरें, ईमेल आईडी, आपके बैंकिंग ऐप के पासवर्ड की डिटेल और यहां तक कि कैमरे का एक्सेस भी उनके कंट्रोल में आ जाता है।

ध्यान इस बात का रखना है कि अगर किसी भी फाइल या आमंत्रण पत्र के आखिर में .apk, .exc, .pif, .shs, .vbs लिखा हुआ है। तो ऐसे लिंक पर बिल्कुल क्लिक नहीं करें।