फिर से फैलेगा कोरोना? JN.1 वैरिएंट का पहला मामला आने के बाद केंद्र अलर्ट, राज्यों को जारी की एडवाइजरी
देश में कोरोना का एक नया वेरिएंट सामने आया है। कोरोना के नए वेरिएंट जेएन. 1 का पहला मामला केरल में सामने आया है। इसके बाद से सर्दियों के मौसम में कोरोना के फिर से फैलने का डर सता रहा है। हालांकि, राज्य सरकार का कहना है कि अभी चिंता की कोई बात नहीं है। इसके बीच केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है।
कोरोना की इस नई लहर में सबसे ज्यादा मरीज केरल से निकलक सामने आ रहे हैं। बीते कई दिनों से कोरोना के कारण केरल में कई संक्रमित मरीजों की मौतें भी हुई हैं। बीते कुछ दिनों में केरल में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 1700 के पार हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस बारे में ताजा आंकड़े शेयर किए गए हैं।
देशभर में कितने नए मामले?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को देशभर में कोविड-19 के 614 मामले सामने आए जो 21 मई के बाद सबसे ज्यादा हैं. बुधवार को अपडेट किए गए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के एक्टिव केस बढ़कर 2,311 हो गए हैं. 24 घंटे के दौरान केरल में तीन लोगों की मौत हुई है
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए सब वैरिएंट JN.1 के सामने आने के बाद लोगों की टेंशन बढ़ गई है। केरल से इसका एक्टिव केस सामने आया है। वहीं केरल में बुधवार को कोविड-19 के 614 नए मामले सामने आए। केरल में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है।
जयपुर: कोरोना की दुबारा दस्तक देने के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने की कोविड की तैयारियों की समीक्षा की थी. उन्होंने इसके ग्रेडेड रेस्पॉन्स सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिए थे. वहीं कोविड प्रबंधन के लिए राज्य स्तरीय कमेटी गठित की थी. कोविड को लेकर अस्पतालों की तैयारी के लिए 26 दिसबंर को मॉक ड्रिल की जाएगी.
राजस्थान में कोराना ने इस बार सरहदी जिले जैसलमेर से एंट्री ली है. जैसलमेर शहर में दो कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया है. शहर के मजदूर पाड़ा के दो युवक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. उनके बुखार आने के बाद जवाहर चिकित्सालय में सैंपल लिए गए थे. जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना पॉजिटिव होने से चिकित्सा महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है.
वहीं केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। कोराना के इस नए वैरिएंट को लेकर जरूरी सवालों का जवाब हम आपको बता रहे हैं।
इन लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य
दिशानिर्देशों के अनुसार, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी बुजुर्गों, अन्य बीमारियों (किडनी, हृदय, लीवर की बीमारियों) से पीड़ित लोगों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं को बाहर जाने पर अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने की सलाह दी गई है और साथ ही बंद, कम हवादार स्थानों और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से सख्ती से बचने की सलाह दी गई है.

1. क्या है कोरोना का JN.1 वैरिएंट?
JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही एक सब-वैरिएंट है। ये कोविड का नया वैरिएंट नहीं है। सबसे पहले दिसंबर 2022 में लक्जमबर्ग में ये वैरिएंट मिला था। इसके बाद यह दुनिया भर में 40 से अधिक देशों में फैल चुका है। JN.1 उसी पिरोलो वैरिएंट से आया है, जो खुद ओमिक्रॉन वैरिएंट से निकला था।
2. JN.1 वैरिएंट के क्या लक्षण हैं?
JN.1 वैरिएंट के लक्षण अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट जैसे ही हैं। इसमें बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश आदि शामिल हैं। कुछ मामलों में, JN.1 वैरिएंट से पीड़ित लोगों में भी स्वाद या गंध की हानि, उल्टी या दस्त जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
3. JN.1 वैरिएंट कितना संक्रामक है?
JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन के अन्य सब वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है। एक स्टडी में पता चला कि JN.1 वैरिएंट के एक संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने वाले लोगों के संक्रमित होने की संभावना अन्य ओमिक्रॉन उप-वैरिएंट के मामले में 1.2 गुना अधिक थी।
4. JN.1 वैरिएंट से कितनी गंभीर बीमारी होती है?
अभी तक इससे होने वाली बीमारियों के बारे में ज्यादा कुछ साफ नहीं है। शुरुआती जाचं से पता चला है कि इस वैरिएंट से बीमार होने वाले लोग ऑमिक्रॉन की तुलना में ज्यादा गंभीर नहीं हैं। हालांकि अभी इस वैरिएंट पर एक्सपर्ट रिसर्च कर रहे हैं, ताकि इसके बारे में ज्यादा पता चल सके।
5. JN.1 वैरिएंट से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
JN.1 वैरिएंट से बचाव के लिए वही उपाय किए जा सकते हैं जो अन्य ओमिक्रॉन से बचाव के लिए किए जाते हैं। इनमें वैक्सीनेशन और बूस्टर शॉट लेना, मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंस बनाना और अपने हाथों को बार-बार धोना शामिल है।
6. JN.1 वैरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?
JN.1 वैरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए सरकारें वैक्सीनेशन और बूस्टर शॉट को तेज कर सकती हैं। वहीं मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों को लागू करने के साथ-साथ टेस्टिंग को भी बढ़ाया जा सकता है।
7. कितना खतरनाक है JN.1 वैरिएंट
एक्सपर्ट बताते हैं कि अभी JN.1 के लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं है और इससे ज्यादा खतरा नहीं है। लेकिन आने वाले समय में इसके और म्यूटेशन देखने को मिलेंगे। फिलहाल इसका एक ही मामला सामने आया है। कोविड केस की रफ्तार भी धीमी है। वहीं मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं करना पड़ रहा है। हालांकि भविष्य के बारे में अभी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
8. कोरोना के बढ़ते केस से कितना खतरा?
JN.1 वैरिएंट का एक ही केस सामने आया है, लेकिन देशभर में कोविड केस बढ़ गए हैं। हालांकि ये गंभीर नहीं हैं। 90 फीसदी से ज्यादा केस घर पर ही ठीक हो रहे हैं। मरीजों में सामान्य लक्षण हैं।
8 दिसंबर को केरल में JN.1 का पहला केस
कोविड-19 वायरस का प्रकोप जारी है… इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। पंत ने कहा कि हाल में केरल जैसे कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है। केरल में एक महिला में कोरोना वायरस के जेएन. 1 नामक नए सब-वेरिएंट की पहचान की गई है। इसके बाद से चिंता बढ़ गई है। केंद्र ने 16 दिसंबर को केरल के एक मरीज में कोविड-19 के जेएन. 1 सबवेरिएंट की उपस्थिति की पुष्टि की। यह भारत में इस तरह का पहला मामला था।