चारावास की बेटी कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल चलाकर दे रही है बेटी बचाओ का संदेश

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा पर निकली दो बेटियों का मंगलवार को चारावास पहुंचने पर ग्रामीणों ने स्वागत किया। इन बेटियों ने 30 सितंबर को कश्मीर के लाल चौक से अपना सफर शुरू किया।

3700 किलोमीटर का साइकिल पर सफर करने वाली बेटियों में चारावास निवासी 9 साल की बेटी रक्षिता चौधरी व उतराखंड निवासी 8 साल की बेटी शानवी पुंडीर शामिल हैं।

पांचवी में पढ़ने वाली चारावास की रक्षिता अपने पिता रमेश चौधरी के साथ व 8 साल की शानवी पुंडीर अपने पिता महावीर सिंह के साथ साइकिल यात्रा पर हैं।

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अभी मात्र नौ साल की है चारावास गांव की रक्षिता चौधरी

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर लोगों में जागरूकता पैच करने के लिए जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रियों का दल मंगलवार को खेतड़ी के चारावास गांव में इस दल में दो नन्ही बेटियां भी शामिल है। इसमें खेतड़ी के चारावास निवासी 9 वर्षीय रक्षिता चौधरी पुत्री रमेश चौधरी तथा दूसरी बच्ची 3 वर्षीय मानवी डोर पुत्री महावीर सिंह जो उत्तराखंड की रहने वाली है।

कश्मीर से कन्याकुमारी पहुंचने में लगेंगे 37 दिन

कन्याकुमारी तक पहुंचने में इनको 37 दिन का समय लगेगा। इस सफर के दौरान जम्मू कश्मीर एवं दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु आदि राज्यों से होते हुए कन्याकुमारी पहुंचेंगे।

रमेश चौधरी ने बताया रक्षिता इससे पहले डल्होजी से बाघा बॉर्डर तक 220 किलोमीटर का सफर 15 घंटे में पूरा कर चुकी है। दोनों बच्चियों ने साइकिल पर सफर पर निकलने से पहले स्कूल से विशेष तौर पर इजाजत ली। जम्मू सहित रास्ते में कई लोग मिले जिनके यहां रात्रि विश्राम किया तथा खाने पीने का प्रबंध हो सका।

ग्रामीणों ने किया अभिनंदन –

साइकिल दल के चारावास गांव पहुंचने पर सरपंच सुगना देवी के नेतृत्व में हरि सिंह माठ, रक्षिता के दादा बलबीर बोराण, होशियार सिंह माठ, गोपीचंद शर्मा, हरिराम बोराण, घासीराम चाहर, लीलाराम, विक्रम बोराण, महेंद्र भगासरा, नरेंद्र बोराण, हनीफ बडाऊ, पूर्ण सिंह चाहर, अशोक माठ, सुनील, रवि दत्त पंच, अरविंद जांगिड़, सुनील चाहर, महेंद्र चाहर, बंटी बडाऊ सहित दर्जनों लोगों ने माला व साफा पहनाकर इस दल का अभिनंदन किया। इस मौके पर महिलाओं ने मंगल गीत भी गए।