चांद पर ‘भूकंप’ आया! विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर रिकॉर्ड की हलचल
चंद्रमा के साउथ पोल रीजन में लैंड करने वाला विक्रम लैंडर एक के बाद एक नई-नई खोज कर रहा है. इसी क्रम में अब विक्रम लैंडर ने चांद की सतह पर प्राकृतिक कंपन या हलचल की गतिविधि रिकॉर्ड की है. फिलहाल ISRO इस कंपन की गतिविधि की जांच कर रहा है
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर, जो चंद्रमा की सतह पर काम कर रहा है, चंद्रमा पर एक “प्राकृतिक” भूकंपीय घटना का पता लगाया है। इसरो ने यह भी कहा कि चंद्रयान- 3 लैंडर पर भूकंपीय गतिविधि का पता लगाने वाले उपकरण मिशन के प्रज्ञान रोवर और अन्य पेलोड की गतिविधियों के कारण होने वाले कंपन को रिकॉर्ड करने में भी कामयाब रहे।
पोस्ट में कहा गया, “चंद्रयान- 3 की यह खोज वैज्ञानिकों को क्षेत्र में गंधक (एस) के स्रोत के लिए नए स्पष्टीकरण विकसित करने के लिए विवश करती है: आंतरिक ?, ज्वालामुखीय?, उल्कापिंड ……… .?” इसरो ने सुरक्षित रास्ते की तलाश में घूमते रोवर का एक वीडियो भी जारी किया।
बता दें कि चंद्रयान-3 के साथ जो पेलोड्स चांद पर गए हैं, उनमें रंभा, चास्टे, इल्सा और एरे शामिल हैं। ये पेलोड्स चांद के अहम राज खोलेंगे। विक्रम लैंडर के ILSA में छह हाई- सेंसिटिविटी एक्सेलेरोमीटर का एक समूह शामिल है, जो सिलिकॉन माइक्रोमैकेनिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल करके स्वदेशी रूप से तैयार किया गया है।
कोर सेंसिंग एलीमेंट में कंघी जैसी इलेक्ट्रोड के साथ एक स्प्रिंग-मास सिस्टम होता है। बाहरी कंपन से यह स्प्रिंग हिलता है, जिसके परिणामस्वरूप कैपेसिटेंस में परिवर्तन होता है जो वोल्टेज में परिवर्तित हो जाता है।
आसान शब्दों में कहें तो ILSA का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रयान 3 मिशन के दौरान प्राकृतिक भूकंपों, प्रभावों और कृत्रिम घटनाओं से उत्पन्न जमीनी कंपन को मापना है