अपनी ही शादी के कार्ड बांटने कार से निकले स्कूल लेक्चरर की सड़क दुर्घटना में मौत | Groom who went to distribute wedding cards dies in road accident | jodhpur News today
अपनी शादी के कार्ड बांटने गए लेक्चरर की मौत:दुल्हन की ज्वेलरी बनवाने गए थे पिता; फोन आया-बेटा नहीं रहा
Dulhe ki sadak दुर्घटना में मौत: राजस्थान के जोधपुर बालेसर ग्राम पंचायत के ढांढणिया गांव के निवासी स्कूल लेक्चरर भोमदान चारण (25) की कार शुक्रवार दोपहर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
क्या है पूरा मामला जाने
जोधपुर जिले में बालेसर ग्राम पंचायत के ढांढणिया गांव के निवासी स्कूल लेक्चरर भोमदान चारण (25) की कार शुक्रवार दोपहर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। 26 जनवरी को भोमदान की शादी थी। वह अपनी शादी के कार्ड बांटने ढांढणिया से जालोर गया था। वहां से लौटते वक्त आहोर से 9 किलोमीटर दूर गोदन के पास कार बेकाबू होकर पलट गई। हादसे में घायल भोमदान ने अपने दोस्तों को फोन करके हादसे की जानकारी दी।
भोमदान के दोस्त मौके पर पहुंचे और घायल भोमदान को कार से जोधपुर के लिए लेकर निकले लेकिन उसने रास्ते में दम तोड़ दिया।
सड़क किनारे पलटी हुई कार देखी तो एक राहगीर ने शादी के कार्ड पर नंबर देखकर भोमदान के पिता मूलदान चारण को भी फोन कर दिया था। मूलदान उस वक्त आने वाली बहू के गहनों को ऑर्डर देने ज्वेलरी शॉप पर गए थे। सूचना पाकर उनके होश उड़ गए।
भोमदान के पिता मूलदान पूर्व पंचायत समिति सदस्य हैं। मूलदान ने बेटे की शादी के कार्ड छपवा लिए थे। घर में खुशी का माहौल था। भोमदान 5 बहनों का इकलौता भाई था। वह खुद की शादी के कार्ड बांटने जालोर गया था। भोमदान की बारात 26 जनवरी को बाड़मेर जानी थी। पुलिस निरीक्षक नरपतदान रतनू की बेटी संगीता कंवर उर्फ संतोष कंवर से रिश्ता तय हुआ था। शादी से 13 दिन पहले भोमदान की सड़क हादसे में मौत से दो परिवारों में मातम पसर गया।
भोमदान की चचेरी बहन पूजा कंवर की शादी रविवार की है। उसकी बारात बस्सी गांव से आनी है। भोमदान की मौत के बाद शादी की खुशियां भी मातम में बदल गई। परिवार के लोगों ने ने बताया कि पूजा की शादी किसी और के घर से सादगी से की जाएगी।
शादी के कार्ड में लिखे नम्बर पर देखकर किया कॉल
हादसे के समय भोमदान कार में अकेला था। घायल हालत ने उसने दोस्त को फोन किया फिर बेहोश हो गया। कार पलट के बाद नीचे गिरी तो आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे। मौके से किसी राहगीर से कार्ड पर लिखे नंबरों पर कॉल कर हादसे की जानकारी उसके पिता को दी।

एक बहन हादसे वाले दिन आई थी घर
भोमदान चारण की पांच बहनें हैं। सभी की शादी हो चुकी है। पुष्पा कंवर, कैलाश कंवर, धापू कंवर, रूकमणी एवं पिन्दु कंवर हैं। शादी में सभी को लाने जाने की तैयारी चल रही थी। सबसे छोटी बहन पिन्टु कंवर को ससुराल से लाने के लिए भोमदान का चचेरा भाई गोपालदान गया था। शुक्रवार को बहन घर पर आई थी। शाम के समय यह हादसा हो गया। हादसे के बाद परिवार को रो-रोकर बुरा हाल है।
घर-घर जाकर खुद बांटे कार्ड
भोमदान के दोस्तों ने बताया कि पूरे गांव में शादी के कार्ड खुद ने ही बांटे थे। सभी को बारात में आने का न्यौता दिया। इसके बाद सभी फोन भी कर रहा था। जालोर अपने दोस्तों को कार्ड देने गया था।