PM Vidyalakshmi Yojana: देश में एक बड़ी आबादी आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की है। इन लोगों को जीवन में गुजर बसर करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा इन लोगों को अपने बच्चों को पढ़ाने लिखाने में भी कई तरह की आर्थिक दिक्कतें परेशान करती हैं। कई छात्रों को आर्थिक तंगी के कारण बीच में ही अपनी शिक्षा छोड़नी पड़ जाती है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने एक बेहद ही शानदार स्कीम की शुरुआत की है।
इस स्कीम का नाम प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना है। 6 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एक नई योजना ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ को मंजूरी दी गई। इसका मकसद होनहार छात्रों की आर्थिक मदद करना है। अभी एजुकेशन लोन में गारंटी पेश करने की शर्त छात्रों के लिए एक समस्या बनती है।
इस नई योजना में ऐसी कोई शर्त नहीं है। कुछ गिरवी भी नहीं रखना होगा। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस योजना के तहत देश के 1 लाख होनहार छात्रों के लिए 10 लाख तक का शिक्षा लोन दिया जाएगा, जिसमें रियायत भी दी जाएगी।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना क्या है?
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों को घरेलू संस्थानों में हायर एजुकेशन के लिए 10 लाख तक का एजुकेशन लोन दिया जाएगा। छात्रों को क्वालिटी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट (QHEI) में एडमिशन लेने पर उनकी ट्यूशन फीस और अन्य खर्च के लिए फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशंस और बैंकों से बिना किसी गारंटी के आसानी से लोन मिल जाएगा। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के अंतर्गत हर वर्ष 22 लाख से अधिक छात्रों को लोन दिया जाएगा।
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अगर कोई छात्र 7.5 लाख रुपये तक का लोन लेता है तो सरकार की तरफ से 75 फीसदी क्रेडिट गारंटी भी दी जाएगी। इसके अलावा, 8 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के छात्र 3 फीसदी ब्याज सब्सिडी के साथ 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है।
आवेदन कैसे करें
योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन प्रक्रिया आसान और ऑनलाइन है. विद्यार्थी आधिकारिक वेबसाइट https://www.vidyalakshmi.co.in/Students/ पर जाकर सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.आवेदन करने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़ों की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है.
बैंकों की मिल रही शिकायतें
कुछ समय पहले एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें यह पता चला है कि एजुकेशन लोन बड़ी संख्या में डिफॉल्ट हो रहे हैं. ऐसे में सरकारी बैंक एजुकेशन लोन देने से बच रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जून में खत्म हुई तिमाही में सरकारी और प्राइवेट बैंक का मिलकर कुछ एजुकेशन लोन की बकाया राशि 80,000 करोड़ रुपये के पार चली गई है.
ऐसे में बैंक अब एजुकेशन लोन देने में ज्यादा सतर्कता बरत रहे हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों के लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं. बढ़ती महंगाई के साथ ही हायर एजुकेशन भी महंगी होती जा रही है