Rules Change: हर महीने की शुरुआत के साथ कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होता है, जो आम जनता की जेब और निवेश पर सीधा असर डालते हैं. 1 मार्च 2025 से भी कई बड़े बदलाव लागू हो गए हैं. इनमें एलपीजी सिलेंडर की कीमत, म्यूचुअल फंड के नियम, एफडी पर ब्याज दर, बैंकिंग लेनदेन और पैन-आधार लिंकिंग से जुड़े बदलाव शामिल हैं. आइए जानते हैं कि इन नए नियमों का आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा.
LPG गैस की कीमतों में हुआ बदलाव
1 मार्च को LPG सिलेंडर के नए दाम तय हो गए हैं. 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत इस महीने बढ़ा दी गई है. दिल्ली से लेकर अन्य शहरों तक सिलेंडर के दाम 6 रुपए बढ़ा दिए गए हैं. जबकि पिछले महीने बजट के समय 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 7 रुपये कम की गई थी. अब ये राहत वापस ले ली गई है. बता दें कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को LPG गैस सिलेंडर की कीमतों (LPG Cylinder Price) में बदलाव करती हैं. LPG गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ने के बाद लोगों के महीने के बजट पर असर पड़ना तय है.
UPI से इंश्योरेंस का प्रीमियम भरना हुआ आसान
1 मार्च 2025 से UPI के जरिए इंश्योरेंस प्रीमियम भरना आसान हो गया है. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शन में एक बड़ा बदलाव हुआ है. IRDAI के नए नियम के तहत, अब UPI से इंश्योरेंस प्रीमियम का पेमेंट करना पहले से भी ज्यादा आसान हो गया है. इंश्योरेंस रेगुलेटरी और डिवेलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने UPI के जरिए बीमा-ASBA (एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट) नाम का नया फीचर लॉन्च किया है. जिसका मकसद ग्राहकों के लिए पेमेंट प्रक्रिया को आसान बनाना है. इसके जरिए पॉलिसी होल्डर अपने बैंक अकाउंट में प्रीमियम पेमेंट के लिए पैसे ब्लॉक कर सकते हैं. सर्कुलर के मुताबिक, नया पेमेंट सिस्टम 1 मार्च से प्रभावी हो गया है.
एफडी की ब्याज दरों में बदलाव
देश के प्रमुख बैंकों ने 1 मार्च 2025 से अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में संशोधन संभव है. कुछ बैंक वरिष्ठ नागरिकों के लिए एफडी पर ब्याज दरों में 0.25% तक की बढ़ोतरी कर सकते हैं, जबकि कुछ बैंक सामान्य एफडी पर दरें घटा सकते हैं. यदि आपने एफडी में निवेश किया है या करने की योजना बना रहे हैं, तो नई ब्याज दरों को चेक करना जरूरी है. सही बैंक और अवधि चुनकर अधिकतम रिटर्न पाया जा सकता है.
म्यूचुअल फंड में टैक्स नियमों में बदलाव
मार्च 2025 से म्यूचुअल फंड निवेशकों को नए कराधान नियमों का पालन करना होगा. अब डेट म्यूचुअल फंड पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स की सुविधा समाप्त कर दी गई है और इसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन के तहत टैक्स देना होगा. इस बदलाव का सीधा असर उन निवेशकों पर पड़ेगा, जो लंबी अवधि के लिए डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करते थे. अब उन्हें अपनी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा, जिससे उनका रिटर्न कम हो सकता है.