झुंझुनूं की संतोष दे गई 3 लोगों को जिंदगी:एक्सीडेंट के बाद ब्रेनडेड होने पर परिजनों ने किया अंगदान

माकड़ो की सन्तोष ने ब्रेन डेड होनें के बाद अंगदान कर पेश की मानव कल्याण नई मिशाल

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विश्व अंगदान दिवस पर अंगदान कर संतोष बनी प्रेरणा स्रोत


झुंझुनूं :  माकड़ों निवासी सन्तोष पत्नि यादराम ने ब्रेन डेड होने के बाद विश्व अंगदान दिवस पर अपने अंगों का दान कर मानवता के लिए नई मिशाल पेश की। सीएमएचओ डॉ राजकुमार डांगी ने बताया कि 12 अगस्त को सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में ब्रेन डेड होने घोषित हो जाने के बाद संतोष जी (आंगबाड़ी कायकर्ता (संविदा )के  परिवारजन ने मानवहित के लिए अंगदान करने का पुनीत निर्णय लिया जिसके फलस्वरूप उनकी दोनों किडनियों व लिवर का प्रत्यारोपण के लिए अंगदान किया गया जिससे तीन लोगों का जीवन बचाना सम्भव हो पायेगा।

सीएमएचओ डॉ डांगी ने बताया कि इस पुनीत कार्य के लिए जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल कृतज्ञता जहीर करते हुए परिवार जनों की सराहना की और सीएमएचओ डॉ राजकुमार डांगी सिंघाना बीडीओ दारा सिंह को प्रशस्ति पत्र के साथ संतोष के घर भेजकर अंगदान के लिए संतोष के बेटे पंकज और परिवार जनों को सराहा। सीएमएचओ डॉ राजकुमार डांगी ने संतोष के अन्तिम संस्कार में शामिल होकर उनके द्वारा किए गए अंगदान को प्रेरणादायी और नई मिशाल पेेश की है। इस अवसर पर विभिन्न जनपतिनिधियो सहित सैंकड़ों ग्रामीण मौजुद थे।

4 अगस्त को हुई थी बाइक से एक्सीडेंट


ग्रामीणों ने बताया कि संतोष संविदा पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता थी वो मेहनती व ईमानदार कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवा देती थी। 4 अगस्त को ततीजा में बाइक पर जाते हुए साड़ी का पल्लू बाइक के टायर में फंस जाने से सिर के बल सड़क पर गिरने से सिर में लगी चोट के बाद बीडीके अस्पताल झुंझुनूं और जयपुर में उपचाराधीन रही 12 अगस्त को एसएमएस अस्पताल में ब्रेन डेड होने पर एसएमएस अस्पताल की डॉक्टर्स की टीम ने संतोष के परिवार जनों को अंगदान का महत्व बताया जिसके बाद संतोष के परिवार जनों की सहमति से अंगदान कर तीन लोगों के जीवन बचाने की राह बनाई। जिसके बाद इस फैसले को प्रशासन और आमजनों ने खुब सराहा।

किडनी ट्रांसप्लांट एसएमएस हॉस्पिटल में

डॉक्टर मनीष अग्रवाल ने बताया- संतोष की दोनों किडनी एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती दो मरीजों को दी गई। वहीं, लिवर के लिए कोई मरीज नहीं मिलने पर लिवर महात्मा गांधी हॉस्पिटल भेजने का फैसला किया है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि संतोष का हार्ट एक्सीडेंट के बाद ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिसके कारण हार्ट का दान किया जाना डॉक्टरों ने उचित नहीं समझा।