Bank Loan: अगर आपने बैंक से लोन लिया है और उसे चुकाने में असमर्थ हैं, तो बैंक आपको डिफॉल्टर मान लेगा। इसका सबसे पहला परिणाम यह होगा कि बैंक क्रेडिट ब्यूरो को सूचित कर देगा, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा। इसके अलावा आपकी साख पर असर पड़ेगा, जिससे भविष्य में अन्य लोन लेने में दिक्कत आ सकती है। इसके कारण आपको आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए लोन चुकाना बहुत जरूरी है। अगर कोई लोन के लिए आवेदन करता है, तो बैंक उसकी पात्रता जांचने के बाद उसकी क्रेडिट हिस्ट्री चेक करता है। अगर क्रेडिट हिस्ट्री सही है, तो बैंक तुरंत लोन अप्रूव कर देता है, लेकिन अगर क्रेडिट स्कोर खराब है, तो लोन लेना आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
डिफॉल्ट होने की स्थिति में इसके परिणाम अलग हो सकते हैं। अगर आप सिक्योर्ड लोन पर डिफॉल्ट करते हैं, तो वित्तीय संस्थान को अपना बकाया वसूलने के लिए उसे नीलाम करने का अधिकार है। वहीं अगर कोई व्यक्ति लोन चुकाने में देरी करता है या डिफॉल्ट करता है तो उसका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा, जिससे उसे लोन या क्रेडिट कार्ड आदि जैसे वित्तीय उत्पाद मिलने में काफी दिक्कत होगी।
ऐसी स्थिति में सबसे पहला कदम यह होना चाहिए कि कर्जदाताओं से बात करके अपना बकाया चुकाया जाए। वहीं अगर आप अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करते हैं और लोन चुकाने में कुछ समय ले सकते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो सकता है और इस बीच लोन चुकाकर आप दोबारा लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
कब कर सकते हैं दोबारा लोन के लिए अप्लाई
अगर आप पहले लोन के डिफॉल्ट में हैं तो नए लोन के लिए अप्लाई करने से पहले इंतजार करें। इस दौरान बचे हुए लोन का समय पर भुगतान करें और बकाया लोन को कम करें। ये जिम्मेदाराना वित्तीय व्यवहार आपके क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाएंगे। समय के साथ जैसे-जैसे आपका स्कोर बेहतर होता जाएगा, कर्जदाता आपके नए लोन आवेदन पर सकारात्मक रूप से विचार कर सकता है। यह प्रक्रिया आपकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
डिफ़ॉल्ट होने पर क्या करें –
अगर आप लोन चुकाने में विफल रहे हैं, तो यह ज़रूरी है कि आप अपनी क्रेडिट हिस्ट्री सुधारने की कोशिश करें। एक बार जब आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर हो जाता है, तो ऋणदाता आपको लोन देने की इच्छा व्यक्त कर सकता है।