श्री गोपाल गौशाला के तत्वाधान में 4 अप्रैल को निकलेगी गणगौर माता की शाही सवारी
झुंझुनूं न्यूज़। श्री गोपाल गौशाला की और से गणगौर माता की शाही सवारी परंपरागत तरीके से शाही अंदाज में उत्साह के साथ 4 अप्रैल को निकाली जावेगी।
श्री गोपाल गौशाला के अध्यक्ष प्रमोद खंडेलिया एवं सचिव नेमी अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि 4 अप्रैल अपराहन 3.15 बजे गणगौर माता की शाही सवारी कार्यक्रम संयोजक नारायण प्रसाद जालान एवं विनोद कुमार सिंघानिया के संयोजक्तव में शाही लवाजमें के साथ ऊंट, घोड़े, बैंड बाजे एवं
टिन्नी रेखा एण्ड पार्टी दिल्ली द्वारा जीवन्त झांकियों के साथ नृत्य नाटिका प्रस्तुत करते हुए गौशाला परिसर से निकलेगी जो कि रानी सती रोड़ होते हुए छावनी बाजार लगभग 5 बजे पहुंचेगी जहां विधि विधान के साथ गणगौर माता की पूजा अर्चना वैद मंत्रो के साथ की जाएगी। इस अवसर पर पूजा अर्चना बतौर अतिथि उपस्थित जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी बजरंगलाल अग्रवाल सोलानेवाला एवं भाजपा नेता राजेंद्र भांम्बु द्वारा की जाएगी
छावनी बाजार से शाही सवारी जोशियों का गट्टा, गुदरी बाजार एवं कपड़ा बाजार होते हुए समस्त तालाब पहुंचेगी जहां पूजा अर्चना के पश्चात शाही सवारी वापसी में ढण्डो का दरवाजा होते हुए श्री गोपाल गौशाला पहुंचेगी।
विदित है कि होली के दूसरे दिन से सोलह दिनों तक लड़कियाँ नियमपूर्वक प्रतिदिन इसर-गणगौर को पूजती हैं। जिस लडक़ी की शादी हो जाती है वो शादी के प्रथम वर्ष अपने पीहर जाकर गणगौर की पूजा करती है। इसी कारण इसे सुहाग पर्व भी कहा जाता है। गणगौर की विदाई का बाद त्यौहार काफी समय तक नहीं आते इसलिए कहा गया है-तीज त्यौहारा बावड़ी ले डूबी गणगौर अर्थात् जो त्यौहार तीज (श्रावणमास) से प्रारम्भ होते हैं उन्हें गणगौर ले जाती है।