झुंझुनूं : जिला कलेक्ट्रेट में महिला कर्मचारी से अश्लील हरकत, सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेन्द्र सिंह थोरी पर महिला ने लगाए आरोप, पीड़िता ने कहा- आंख मारकर करता था गन्दे इशारे, दारू पीने के लिए कहता था आरोपी

सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र सिंह थोरी, जिस पर अश्लील हरकत करने का आरोप
सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र सिंह थोरी, जिस पर अश्लील हरकत करने का आरोप

झुंझुनूं कलेक्ट्रेट में कार्यरत सहायक महिला कर्मचारी से अश्लील हरकत करने का मामला सामने आया है। महिला ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेन्द्र चौधरी पर आरोप लगाए हैं। घटना के सामने आने के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए पीड़िता के ही तबालते के आदेश दे दिए। जिस पर बुधवार को सफाई देते हुए कहा कि पीड़िता की सहमति से ही उसका तबादला किया गया है। वहीं, जांच पूरी होने तक सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेन्द्र चौधरी का भी तबादला बुधवार को कर दिया गया। राजेंद्र चौधरी को एसडीओ की चुनाव ड्यूटी में लगाने के आदेश दिये हैं। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। पीड़िता का कहना है कि उसके भद्दे कमेंट सुनकर मैं कांप जाती, वह मेरे लिए ऐसे शब्द प्रयोग करता, जिन्हें मैं बता भी नहीं सकती।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

वहीं, राजेंद्र चौधरी ने सफाई देते हुए कहा कि महिला कर्मचारी की शिकायत पर कमेटी जांच कर रही है। कमेटी ने अभी तक दोनों पक्षों के बयान भी नहीं लिये हैं। ना ही जांच कमेटी ने मुझे दोषी माना है। महिला के आरोप निराधार बताते हुए राजेंद्र चौधरी ने कहा कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कलेक्टर जो कार्रवाई करेंगे वो स्वीकार होगी।

यह था पूरा मामला
मामला कलेक्ट्रेट से जुड़ा है। यहां कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने 6 सितंबर को कलेक्टर यूडी खान को शिकायत दी कि अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र सिंह थोरी उस पर भद्दे कमेंट्स करता है। गलत इशारे करता है। अधिकारी उसे मेरी रानी जैसे शब्द कहकर प्रताड़ित कर रहा है। इसके बाद मामला कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए बनी समिति में गया। 20 अक्टूबर को पीड़िता के बयान हुए, जिसके बाद समिति ने आंतरिक शिकायत समिति से शिकायत का निस्तारण कराकर अवगत कराने को लिखा था, लेकिन 28 अक्टूबर को कलेक्टर ने समिति को ही बदल दिया और 9 नवंबर को पीड़िता का ही तबादला कर दिया।

पीड़िता का दर्द
पीड़िता ने निजी अखबार को बताया कि मैं कलेक्ट्रेट में सहायक कर्मचारी हूं। पति के निधन के बाद मुझे अनुकंपा नियुक्ति मिली तो लगा कि अब परिवार की जिम्मेदारी संभाल सकूंगी। पिछले कुछ समय से कलेक्ट्रेट की एक शाखा में कार्यरत अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र सिंह थाेरी मुझे परेशान करने लगा। अधिकारी होने से मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाई, लेकिन वह और ज्यादा प्रताड़ित करने लगा। मुझे किसी ना किसी काम के बहाने बुलाता, इसके बाद ऑफिस में ही मोबाइल पर आपत्तिजनक गाने बजाता। मुझे ऑफिस जाने से भी डर लगने लगा, लेकिन काम करना मेरी मजबूरी थी। मैं ऑफिस जाती तो वह आंख मारकर गंदे इशारे करता। गंदे और भद्दे कमेंट करता। एक बार तो मुझे यहां तक कह दिया कि तुम शराब पीया करो।

उसके भद्दे कमेंट सुनकर मैं कांप जाती। वह मेरे लिए ऐसे शब्द प्रयोग करता, जिन्हें मैं बता भी नहीं सकती। इसके बाद धमकी देने लगा कि कलेक्टर से कहकर तेरा तबादला करवा दूंगा, नहीं तो तू मेरे कहे अनुसार कर दे। डर के मारे में मैं ऑफिस के दरवाजे पर ही कुर्सी डालकर बैठी रहती, लेकिन वह किसी ना किसी बहाने मुझे अंदर बुला लेता। मैंने यह बातें अपनी सहकर्मी को भी बताई। उसने भी राजेंद्रसिंह चौधरी को समझाया, लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार, परेशान होकर मैंने कलेक्टर को शिकायत लिखी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मैंने स्थानीय शिकायत समिति में भी शिकायत की। वहां बयान देने के बाद लगा कि शायद अब कार्रवाई होगी, लेकिन मंगलवार को मेरा ही तबादला दूसरे विभाग में कर दिया गया है। मैंने नियमानुसार शिकायत की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। उल्टा अब डर लगता है कि आगे क्या होगा। मुझे न्याय की जगह सजा मिली है।