Jhunjhunu Assembly Election 2023 | विधानसभा चुनाव 2023 में झुंझुनूं जिले से भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट

Rajasthan Assembly Election 2023। राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान के साथ ही भाजपा और कांग्रेस ने चुनावी मैदान में अपने उम्मीदवार उतारना शुरू कर दिया

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झुंझुनूं जिले में 7 सीटो से भाजपा के उम्मीदवार

झुंझुनूं की मंडावा सीट से फिर से मौजूदा सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ पर विश्वास जताया है। सांसद नरेन्द्र कुमार पांचवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। वे 2003 से हर बार चुनाव लड़ते आए हैं। हालांकि 2003 व 2008 के चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इसके बाद 2013 व 2018 के चुनाव में वे जीतने में सफल रहे। 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के हाथ से ये सीट निकल गई और कांग्रेस की रीटा चौधरी विधायक बनी। इस सीट को दुबारा हासिल करने के लिए मैदान में उतारा है।

झुंझुनू सीट से बबलू चौधरी को प्रत्याशी बनाया है कांग्रेस की परंपरागत सीट माने जाने वाली झुंझुनूं सीट को भाजपा की झोली में लाने के लिए पार्टी ने पिछले चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 29410 वोट हासिल करने वाले युवा चेहरे बबलू चौधरी को मैदान में उतारा है। बबलू चौधरी 2018 में भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार थे। तब भाजपा ने राजेन्द्र भांबू को प्रत्याशी बनाया था। इसलिए निर्दलीय मैदान में उतरकर बबलू चौधरी तीसरे स्थान पर रहे। चुनाव के बाद बबलू चौधरी लगातार सक्रिय रहे। पिछले चुनाव में प्रत्याशी राजेन्द्र भांबू के साथ करीब छह नेताओं ने दावेदारी जताई थी। लेकिन निर्दलीय के तौर पर 29 हजार वोट हासिल करने से बबलू चौधरी की दावेदारी मजबूत रही। इससे पहले 1996 के उपचुनाव और 2003 के आमचुनाव में भाजपा जीत दर्ज कर चुकी है।

सिटी फिजियोथैरेपी सेंटर झुंझुनूं

झुंझुनू की उदयपुरवाटी सीट से शुभकरण चौधरी को प्रत्याशी बनाया है उदयपुरवाटी सीट पर भाजपा ने पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी पर तीसरी बार भरोसा जताया है। इससे पहले 2013 में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चौधरी चुनाव जीतकर पहल बार इस सीट पर भाजपा का खाता खोला था। इसके बाद 2018 में भाजपा की टिकट पर शुभकरण चौधरी दूसरे नंबर पर रहे थे। इस बार वे तीसरी बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। 2018 में चुनाव हारने के बावजूद क्षेत्र में चौधरी लगातार सक्रिय चल रहे थे। पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा के शिवसेना ज्वॉइन करने के बाद महाराष्ट्र की तर्ज पर उदयपुरवाटी सीट शिवसेना को दिए जाने की संभावनाओं को भाजपा ने प्रत्याशी उतार कर नकार दिया। इस सीट पर भाजपा को जिताने की जिम्मेदारी एक बार फिर चौधरी को सौंपी है।

झुंझुनू की नवलगढ़ सीट से विक्रम सिंह जाखल को प्रत्याशी बनाया है भाजपा ने नवलगढ़ सीट जीतने के लिए इस बार राजपूत प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है। दो बार सैनी समाज को टिकट देने के बावजूद सीट जीतने में नाकाम रही भाजपा ने इस बार 2018 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे विक्रम सिंह जाखल को प्रत्याशी बनाया है। विक्रम सिंह जाखल ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 39259 वोट हासिल किए थे। इससे पहले सांगलिया धूणी के पीठाधीश्वर ओमदास महाराज को नाम टिकट के लिए प्रमुखता से चला था। लेकिन उनके नवलगढ़ से दावेदारी वापस लेने पर भाजपा ने विक्रम सिंह जाखल को मैदान में उतारा है। विक्रम जाखल चुनाव के बाद से क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे और भाजपा के संगठन स्तर पर भी काफी काम किया था। जिसके कारण से पार्टी ने उनको टिकट थमाया है।

झुंझुनूं की सूरजगढ़ विधानसभा से पूर्व सांसद संतोष अहलावत को प्रत्याशी बनाया है। अहलावत ने 2013 के विधानसभा चुनाव में सूरजगढ़ से कांग्रेस के श्रवणकुमार व 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला की पुत्रवधु व विधायक बृजेंद्र ओला की पत्नी राजबाला ओला को हराया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भी अहलावत की वकालत की है। शिक्षित व अच्छी वक्ता के रूप में भी उनकी पहचान है।

खेतड़ी विधानसभा सीट से भाजपा ने इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर को टिकट दिया है। धर्मपाल चौथी बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। पिछले चुनाव में वो कांग्रेस के जितेंद्र सिंह से बेहद कम अंतर से हारे थे। पार्टी ने एक बार फिर धर्मपाल को मौका दिया है।

धर्मपाल गुर्जर चौथी बार विधान सभा चुनाव लड़ेंगें। धर्मपाल गुर्जर एक बार नीमकाथाना से और दो बार खेतड़ी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं और दो बार भाजपा की सीट पर अपनी किस्मत आजमा चुके है।

पिलानी विधानसभा क्षेत्र एससी के लिए रिजर्व सीट यहां से राजेश दहिया को टिकट दिया है। सामान्य से एससी के लिए रिजर्व करने के बाद यहां से लगातार 2 बार भाजपा की टिकट पर सुंदरलाल काका ने चुनाव जीता था। इसके बाद में 2018 के विधानसभा चुनाव में सुंदरलाल के बेटे चिड़ावा पंचायत समिति के प्रधान रहे कैलाश मेघवाल को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था

झुंझुनूं जिले में 7 सीटो से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार

झुंझुनूं सीट से बृजेंद्र सिंह ओला को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में घोषित किया हैं। तीन बार लगातार हारने के बाद 2008 से बृजेंद्र ओला झुंझुनूं विधानसभा सीट से लगातार तीन बार से जीत रहे हैं। कांग्रेस ने 1998 से ओला को लगातार झुंझुनूं से अपना प्रत्याशी बनाया है

झुंझुनूं की मंडावा सीट से कांग्रेस ने फिर से मौजूदा विधायक रीटा चौधरी पर विश्वास जताया है। कांग्रेस ने रीटा को चौथी बार उम्मीदवार बनाया है। रीटा चौधरी 2008 से मंडावा से लगातार चुनाव लड़ रही हैं। अभी वे यहां से विधायक भी हैं। उनको टिकट मिलना पहले से तय माना जा रहा था। इसके संकेत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने जिले के बिसाऊ में आचार संहिता से पहले हुई एक सभा में भी दिए थे। कांग्रेस के पैनल में भी इनका इकलौता ही नाम था। रीटा पीसीसी के पूर्व चीफ रामनारायण चौधरी की बेटी हैं। कांग्रेस से दो बार विधायक भी बनीं हैं।

नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने एक बार फिर विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा को मौका दिया है। राजकुमार शर्मा सीएम सलाहकार भी हैं।

सूरजगढ़ से पूर्व विधायक व पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे श्रवण कुमार को टिकट दिया गया है। कांग्रेस ने उन पर सातवीं बार भरोसा जताया है। वे चार बार कांग्रेस से और एक बार निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं। उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने टिकट दिया था, लेकिन हार गए थे।

पिलानी से भी पार्टी उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी गई है। कांग्रेस ने यहां से पितराम काला को उम्मीदवार बनाया है। मौजूदा विधायक जेपी चंदेलिया का टिकट यहां से काट दिया गया है।

शिक्षा विभाग में जॉइंट डायरेक्टर रहे हैं काला

पितराम काला मूल रूप से पिलानी विधानसभा क्षेत्र की चिड़ावा तहसील के केहरपुरा गांव के निवासी हैं। वर्तमान में वे परिवार सहित पिलानी में रहते हैं और लम्बे समय तक शिक्षा विभाग में सेवारत रहे हैं।

खेतड़ी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने मनीषा देवी को टिकट दिया है। मनीषा देवी यहां से पंचायत समिति की प्रधान है और हाल ही में कांग्रेस जॉइन की है।

मनीषा गुर्जर (38) बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक दाताराम गुर्जर की बेटी है और एलएलबी की हुई है। 2015 में पहली पहली बार खेतड़ी से भाजपा की प्रधान चुनी गई थी। इसके बाद 2020 में भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता और खेतडी पंचायत समिति की प्रधान चुनी गई। 1972 में पहली बार इनके दादा मालाराम गुर्जर जनसंघ पार्टी से नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।

उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने इस बार फिर पूर्व प्रधान भगवाना राम सैनी को मौका दिया है। सैनी 2018 में भी कांग्रेस से प्रत्याशी थे, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए थे।

सैनी 2010 में उदयपुरवाटी पंचायत समिति के प्रधान चुने गए थे। उसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उनको विधानसभा चुनाव 2018 में प्रत्याशी बनाया था। 2018 में बसपा के राजेंद्र सिंह गुढा चुनाव जीत गए थे। भारतीय जनता पार्टी के शुभकरण चौधरी 5534 वोट से चुनाव हार गए थे। कांग्रेस पार्टी के भगवाना राम सैनी तीसरे नंबर पर रहे थे।

राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टियों द्वारा जारी की गई लिस्ट

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🔴 Rajasthan Congress Candidate list: राजस्थान कांग्रेस की चौथी लिस्ट

🔴 Rajasthan Congress Candidate 5th List राजस्थान कांग्रेस उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट

🔴 Rajasthan Congress Candidate List : कांग्रेस उम्मीदवारों की छठी सूची

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